36 घंटे बीत गए शरीर से नहीं निकाली गोली... रामपुर के सोमेश हत्याकांड में बड़ा दावा आया सामने
रामपुर में हुए दलित युवक सोमेश हत्याकांड को लेकर बड़ा दावा किया गया है. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की तरफ से पुलिस पर बड़े सवाल खड़े किए हैं. जानिए पूरा मामला
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Rampur: उत्तर प्रदेश के रामपुर में बीते बुधवार भीमराव अंबेडकर के चित्र के बोर्ड को लेकर भारी हंगामा हुआ. बता दें कि यहां दलित समाज और गंगवार समाज के बीच विवाद हो गया. आरोप है कि इस दौरान गोली से दलित समाज के एक शख्स की मौत हो गई. मृतक के परिजनों का आरोप है कि युवक की मौत पुलिस की गोली से हुई है.
इसी बीच भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने बड़ा दावा किया है. चंद्रशेखर आजाद का दावा है कि घटना के 36 घंटे बाद भी घायल अमित के शरीर से गोली नहीं निकाली गई है. इसी के साथ भीम आर्मी चीफ ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल भी खड़े किए हैं. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि आखिर अभी तक इस मामले में गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई है. बता दें कि अब भीम आर्मी चीफ ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दिए जाने की मांग की है.
जानिए क्या कहा भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने
रामपुर कांड को लेकर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट किया, ‘रामपुर पुलिसिया गोलीकांड" में सोमेश की मृत्यु उपरांत पुलिस द्वारा ज़बरदस्ती शवदाह के बाद, 36 घण्टे बीत जाने के बाद भी पुलिस की ही गोली से ही घायल अमित के शरीर से गोली न निकालना, सरकारी असंवेदनशीलता और क्रूरता को दर्शाता है तथा किसी अप्रिय घटना के इंतजार का संदेह उत्पन्न करता है.
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चंद्रशेखर आजाद ने आगे लिखा, धारा 302 के आरोपियों का खुलेआम रामपुर में ही घूमना और अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी ना होना पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े करता है. इसलिए हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं.
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"रामपुर पुलिसिया गोलीकांड" में सोमेश की मृत्यु उपरांत पुलिस द्वारा ज़बरदस्ती शवदाह के बाद, 36 घण्टे बीत जाने के बाद भी पुलिस की ही गोली से ही घायल अमित के शरीर से न गोली न निकालना, सरकारी असंवेदनशीलता और क्रूरता को दर्शाता है तथा किसी अप्रिय घटना के इंतजार का संदेह उत्पन्न करता…
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) February 29, 2024
आखिर क्या है पूरा मामला
दरअसल ये पूरा मामला पश्चिम उत्तर प्रदेश के रामपुर के मिल्क थाना क्षेत्र के सिलाई बाड़ा गांव से सामने आया था. मिली जानकारी के मुताबिक, यहां भूमि के एक टुकड़े पर भीमराव अंबेडकर के चित्र का बोर्ड लगाने का दूसरे पक्ष ने विरोध किया. दलित समाज के लोग जहां भीमराव अंबेडकर के नाम से पार्क बना कर उनकी मूर्ति स्थापित कराना चाहते थे तो वहीं गंगवार समाज के लोग इसका विरोध कर रहे थे. उनका कहना था कि ये जगह खाद का गड्ढा है और ये ग्राम समाज की जमीन है.
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बता दें कि इसी को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया और फायरिंग हो गई. इस दौरान एक दलित युवक की गोली लगने से मौत हो गई तथा दो लोग घायल हो गए. मृतक युवक के परिजनों ने पुलिस की गोली से युवक की मृत्यु होने का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन किया था.
मौके पर पहुंचे थे बड़े अधिकारी
बता दें कि हालत को संभालने के लिए डीआईजी मुरादाबाद व मंडल आयुक्त मुरादाबाद भी गांव पहुंचे और दोनों पक्षों से बात की. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलकर भी हर संभव मदद का भरोसा दिया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की पूरी गंभीरता के साथ जांच कर रही है.
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