भैंसों की डेयरी से रोज आते हैं 20 हजार रुपये जिससे चलता है आजम का घर! छापेमारी में ये सब बोले
Uttar Pradesh News : समाजवादी पार्टी नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके करीबियों पर इनकम टैक्स की ताबड़तोड़ छापे पड़े हैं. ये छापेमारी रामपुर,…
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Uttar Pradesh News : समाजवादी पार्टी नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके करीबियों पर इनकम टैक्स की ताबड़तोड़ छापे पड़े हैं. ये छापेमारी रामपुर, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, सीतापुर, लखनऊ और MP में कुछ जगहों पर चल रही है. लगातार तीन दिनों मैराथन से जांच पड़ताल आयकर विभाग द्वारा की जा रही है. इस बीच किसी के भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है. सभी दस्तावेजों और एक-एक चीज को बारीकी से खंगाला जा रहा है. वहीं जांच पड़ताल के बीच आजम खान ने आयकर अधिकारियों को बताया कि उनका एकमात्र आय का स्रोत भैंसों की डेयरी है.
20 हजार से चलता है आजम खान का घर!
इनकम टैक्स टीम लगातार तीसरे दिन आजम खान के घर पर कार्रवाई कर रही है. इस जांच पाड़ताल में पूर्व मंत्री आजम ने आयकर अधिकारियों को बताया कि, ‘उनका एकमात्र आय का स्रोत भैंसों की डेयरी है. दूध बेचने से दिन का 20 हजार रूपए आता है, उसी आमदनी से घर चलता है. ‘ वहीं जांच से जुड़े अधिकारी ने यूपी तक से बताया कि, ‘सियासत लेकर आजम खान का दर्द लगातार दिख रहा है. आजम खान और अब्दुल्ला खान दोनों ही अपनी जेल में बीते हुई कहानी अधिकारियों को बता रहे थे. एक वरिष्ठ अधिकारी को आजम खान ने बोला कि, ‘मुझे कोई चिंता नहीं है. मेरे साथ यहां की पब्लिक का सपोर्ट है, जिन्होंने 10 बार के ऊपर मुझे विधायक बनाया.’
IT के अधिकारियों से ये बोले आजम खान
आजम खान ने अधिकारियों को बताया कि उन्हें पार्टी से उतनी मदद नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी. इसके साथ ही एक वरिष्ठ अधिकारी से बातचीत में आजम खान ने कहा, जिन लोगों को मैंने सत्ता में काबिज करवाया, वही लोग साथ दे देते तो यह हालत न होती. हालांकि, मुझे कोई चिंता नहीं है. मेरे साथ यहां की पब्लिक का सपोर्ट है, जिन्होंने 10 बार से ज्यादा बाद मुझे विधायक बनाया.
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उठ रहे ये सवाल
बता दें कि पिछले 3 दिन की कार्रवाई के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों का दावा है कि, ‘कैसे एक प्राइवेट ट्रस्ट होते हुए भी सरकारी विभागों का 150 करोड़ रुपए आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में लगाया गया.’ ऐसा भी दावा है कि यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान जब भी कैबिनेट से कॉलेज या फिर अन्य जनहित में कोई प्रोजेक्ट पास होता था, तो उसे कहीं और न बनाकर यूनिवर्सिटी के अंदर ही बना दिया गया. जब अधिकारियों ने सवाल पूछा तो आजम खान ने बताया, ‘यह पैसा ट्रस्ट के प्राइवेट फंड में ना आकर सीधा सरकारी विभाग की तरफ से ठेकेदारों को दिया गया. जिससे अधिकारी और कैबिनेट के फैसले जांच के घेरे में आ सकते हैं. लेकिन व्यक्तिगत तौर पर इसमें मेरी कोई गलती नहीं है.’
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