रंगदारी मांगने के आरोप में जेल गए छात्र नेताओं के भाइयों ने खोली विवेक सर की पोल! पेचीदा है मामला
प्रयागराज के कोचिंग संचालक से विवेक कुमार 1 करोड़ रुपये रंगदारी मांगने के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. हाल ही में बादल और राहुल सिंह परिहार से जेल में मिलकर लौटे उनके भाइयों ने नए खुलासे करते हुए पूरे प्रकरण की जानकारी साझा की है
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Prayagraj News: उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के कोचिंग संचालक से विवेक कुमार 1 करोड़ रुपये रंगदारी मांगने के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. हाल ही में बादल और राहुल सिंह परिहार से जेल में मिलकर लौटे उनके भाइयों ने नए खुलासे करते हुए पूरे प्रकरण की जानकारी साझा की है. उन्होंने आरोप लगाया कि विवेक कुमार दिल्ली में भी इसी तरह का कांड करके भाग आए हैं. वहां पर भी इन्होंने कर्मचारियों का पैसा नहीं दिया, इसलिए उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था. उन्होंने विवेक पर यह भी आरोप लगाया कि वह ये सब झूठा आरोप लगाकर फेम बनाना चाहते हैं.
मिली जानकारी के अनुसार, विवेक कुमार ने अब अपने सभी ट्वीट हटाने शुरू कर दिए हैं, जिससे मामले में उनकी संलिप्तता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं, बादल और राहुल के परिवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है. उनका कहना है कि इस मामले के असली दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और किसी निर्दोष को फंसाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि प्रयागराज में पिछले दिनों कोचिंग संचालक विवेक कुमार से कथित तौर पर 1 करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी. आरोप है कि कुछ लोग कोचिंग सेंटर में आए और अभ्यर्थियों के सामने ही रंगदारी मांगने लगे. इस दौरान आरोपियों ने काफी बदतमीजी भी की. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद कोचिंग संचालक और शिक्षक विवेक कुमार ने कुछ नामजद आरोरियों समेत 20 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था, जिसपर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
फिर छात्रों ने लगाया विवेक कुमार पर आरोप
इस मामले में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र नेताओं का भी नाम सामने आया था. छात्र नेताओं ने यूपी Tak से बात करते हुए अपना पक्ष रखा. छात्र नेता राजेश शर्मा ने कहा था, "विवेक कुमार ने इलाहाबाद को छात्रों का मछली बाजार बना रखा है. विवेक कुमार ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपने को प्रसिद्धि दिलाने की कोशिश की. छात्र अगर अपनी फीस वापस मांगते हैं, तो उन्हें रंगदारी मांगने का आरोप लगा दिया जाता है. यह पूर्णतः गलत है और छात्रों के हक के खिलाफ है. इसका पूर्ण रूप से जांच होनी चाहिए."
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