UP: 14 जिलों में बुखार के मामले बढ़े, मरीजों से बेड भरे, ग्राउंड रिपोर्ट में जानें हालात

कुमार अभिषेक

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उत्तर प्रदेश के कई जिले इन दिनों रहस्यमयी बुखार की चपेट में हैं. इस बीमारी से सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे हैं. इस बीमारी के कारण कई दर्जन बच्चों की मौत भी हो चुकी है. लखनऊ, फिरोजाबाद, मथुरा, एटा, इटावा, सीतापुर, बाराबंकी, श्रावस्ती, कासगंज और फर्रुखाबाद समेत यूपी के 14 जिलों में बुखार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. उधर, सरकार का दावा है कि रोकथाम के लिए समुचित कदम उठाए जा रहे हैं.

फिरोजाबाद में मचा हाहाकार

बुखार की समस्या से उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है. अब तक इस जिले में 51 बच्चों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पिछले दिनों फिरोजाबाद का दौरा किया था और वह बीमार बच्चों से भी मिले थे. फिरोजाबाद में 400 से ज्यादा की संख्या में बीमार बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है. हालांकि, सरकार की तरफ से इलाज-बचाव की कवायद चल रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है.

मथुरा में हालात बेकाबू

मथुरा में वायरल बुखार, डेंगू, स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियां लगातार अपने पैर पसारती जा रही है. मथुरा में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें कोंह में 10, जचोदा में 2 , जनसुटी में एक की मौत हुई है. 13 मौतों में 11 बच्चे और 2 अन्य हैं.

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मथुरा के फरह ब्लॉक के गांव कोंह में इन बीमारियों का खौफ इतना है कि कथित तौर पर ग्रामीण गांव छोड़कर दूसरी जगह जाने को मजबूर हैं. इस बीच स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार गांव में पहुंचकर लोगों की जांच और इलाज में जुटी हुई हैं.

ग्राम प्रधान हरेंद्र चौहान का कहना है कि डेढ़ सौ से अधिक बच्चे बीमार हैं, जो हॉस्पिटल में एडमिट हैं. साढ़े चार सौ से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं. उनके मुताबिक, गांव के बहुत से लोग अपने बच्चों को लेकर दूसरे जगह लेकर चले गए हैं. पूरे गांव में इस बीमारी से लोगों में भारी दहशत है. लोगों में इस बीमारी का डर सता रहा है.

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एटा में भी बीमारी ने पसारे पांव

एटा में भी बुखार का कहर देखने को लगातार मिल रहा है. एटा में बुखार से एक तीन वर्षीय बच्चे की भी मौत हो गई है. आधा दर्जन गांव में ही 400 से 500 मरीज वायरल बुखार से पीड़ित हैं. किसी घर में बच्चे बीमार हैं, तो किसी घर में बुजुर्ग महिला और पुरुष चारपाई पर पड़ गए हैं. इन गांव में बुखार का कहर इतना ज्यादा है कि कई घरों के सदस्य अपने बीमार परिजनों का जनपद के बाहर इलाज कराने के चलते घरों में ताला जड़ गए हैं. इन गांवों में हर कोई डरा हुआ है.

एटा में लोग आशंकित हैं कि उन्हें ये बीमारी अपनी चपेट में न ले ले. जिले में गांव की गलियां सुनसान हो गई हैं. लोग जरूरी काम से ही बाहर निकल रहे हैं. बिगड़ती स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल वैन ग्रामीणों के चेकअप के लिए गांवों में भेजी है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें, तो जनपद में बुखार से पीड़ितों की संख्या प्रति एक हजार पर दो -तीन लोगों की है. इस हिसाब से 20 लाख की आबादी वाले इस जनपद में तीन से चार हजार लोग वायरल और बुखार से पीड़ित हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि स्थिति इतनी विस्फोटक नहीं है, इसलिए परेशान होने की जरूरत नहीं है.

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प्रयागराज में मरीजों से पटे अस्पताल

संगम नगरी प्रयागराज में अस्पतालों में बीमार बच्चों का तांता लगा हुआ है. एक बेड पर तीन-तीन बच्चों का इलाज चल रहा है. तीमारदार भी उसी बेड पर बैठकर अपनी रात बिता रहे हैं. अस्पताल में बड़ों के साथ ही साथ छोटे बच्चों में भी वायरल बुखार, सर्दी खांसी और निमोनिया का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है.

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में सर्दी, जुखाम और बुखार से संक्रमित बच्चे भर्ती हैं. अस्पताल की ओपीडी में जहां बच्चों की तादाद दोगुनी तक हो गई है. वहीं इमरजेंसी और पीडियाट्रिक आईसीयू में भी क्षमता से कहीं ज्यादा बच्चे भर्ती किए गए हैं. इमरजेंसी वॉर्ड की हालत ये है कि एक बेड पर ही तीन से चार बच्चों को भर्ती किया गया है.

सीतापुर में दर्जनों गांव प्रभावित

सीतापुर के खैराबाद इलाके के लगभग आधा दर्जन गांवों में बड़ी संख्या में बच्चों और बुजुर्गों के बुखार से पीड़ित होने की वजह से पूरे इलाके में अफवाहों का बाजार गर्म है. हालांकि, प्रशासन इसे सामान्य वायरल बता रहा है, लेकिन जिस तरीके से बुखार पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उससे आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव-गांव जाकर लोगों को दवा वितरित करने के दावे किए जा रहे हैं.

सीतापुर के खैराबाद इलाके के असोधड़, मधवापुर, उल्जापुर गांवों में बीते कुछ समय से बच्चे और बुजुर्ग बुखार से पीड़ित मिले हैं. अकेले जिला अस्पताल के डॉक्टर की मानें तो बीते दो हफ्तों में लगभग 90 बच्चे बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं. हालांकि, अभी तक कोई मौत नहीं हुई है, लेकिन बुखार से पीड़ित बच्चों और बुजुर्गों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है.

लखनऊ में फैल रही बीमारी

लखनऊ के फैजुल्लागंज में पिछले कुछ दिनों से बुखार और वायरल की वजह से कई बच्चे बीमार हो गए हैं. तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में सरकारी महकमा उस एरिया में पूरी तरीके से सैनिटाइजेशन कर रहा है और बीमार बच्चों को अस्पताल भेजे जा रहे हैं. हालांकि, इस बुखार का कारण बारिश और मौसम के बदलाव की वजह भी बताया जा रहा है.

बाराबंकी में बढ़ रहे मरीज

बाराबंकी में अचानक बुखार से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. इसमें सबसे ज्यादा पीड़ित 4 बच्चे एडमिट किए गए हैं, जिनका इलाज प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में चल रहा है. वहीं, कोरोना के बाद इस रहस्यमयी बुखार से बचने के लिए डीएम ने स्वास्थ्य विभाग की टीमें बनाकर घर-घर जाकर जांच के आदेश दिए हैं.

कन्नौज में सैकड़ों लोग बीमार

कन्नौज में डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिला अस्पताल में लगातार सैकड़ों की संख्या में मरीज रोज पहुंच रहे हैं, जिसमें अभी तक करीब 200 लोग बुखार से पीड़ित हैं तो 14 मरीज डेंगू और करीब 30 से 40 मरीज वायरल से पीड़ित हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार शहर के प्रभावित मोहल्लों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगा रही हैं और बीमार लोगों को दवा से लेकर अन्य चीजें मुहैया कर रही हैं.

देवरिया में मरीजों की तादात बढ़ी

यूपी के देवरिया जिले में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही है. सीएमओ आलोक पांडेय ने बताया कि बुखार के मरीजों की नियमित ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की जा रही हैं, जो संदिग्ध मामले हैं उनपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. बुखार के अब तक कुल 2694 मरीज सामने आए हैं. इसमें सामान्य बुखार के 2268, हाई ग्रेड फीवर के 392, एईएस के 26 और जेई के 8 मरीज हैं, जबकि डेंगू के मरीज नहीं मिले हैं.

कासगंज में लगातार हो रही हैं मौतें

कासगंज में बीमारी से मरने वालों के मामला थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. चंद दिनों में ही बुखार ने अब तक बच्चों समेत पांच लोगों की जान ले ली है. एक और ताजा मामला जिले के पटियाली क्षेत्र के गांव नगला रगी, नगला सुम्मेर और भरगैन का है, जहां 12 वर्षीय बालक की बुखार से मौत हो जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. मृतक बच्चे के पिता मंजू सिंह ने बताया है कि 1 सितंबर को सूरज को हल्का सा बुखार आया था. बुखार उतरने की दवा खिलाने के बाद आराम मिल गया. 2 सितंबर को फिर बुखार आया, जिसे उपचार के लिए परिजन पटियाली ले जा रहे थे, तभी रास्ते में ही सूरज ने दम तोड़ दिया. सूरज दो बहनों के बीच अकेला भाई था.

वहीं, दूसरी घटना क्षेत्र के कस्बा भरगैन की है, जहां ढाई वर्ष की मासूम इजमा की बुखार से मौत हो गई. वहीं, पटियाली तहसील क्षेत्र के ही नगला सुम्मेर में 6 वर्षीय एलविज पुत्र राजू की मौत हो गई. एलविज सहावर थाना क्षेत्र के चांढी का मूल निवासी था और अपने ननिहाल नगला सुम्मेर में रहता था. उसे भी रहस्यमयी बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया.लगातार बुखार से हो रही मौतों को लेकर प्रशासन अलर्ट है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें कैंप लगाकर जांच कर रही हैं.

श्रावस्ती में बुखार ने मचाया कहर

श्रावस्ती जिले के संयुक्त जिला अस्पताल में आधा दर्जन मासूम बच्चे बुखार से पीड़ित होकर इलाज कराने पहुंचे हैं. बुखार की चपेट में आने के बाद बच्चों के परिजनों ने पहले तो झोलाछाप डॉक्टरों से उनका इलाज कराया, जब आराम नहीं मिला तो जिला अस्पताल पहुंचे. हालांकि, बच्चों में ॉकौन सा बुखार है इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है.

श्रावस्ती जिले के सीएमओ एपी भार्गव ने बच्चों के बुखार को मौसम बदलाव की बीमारी बताया है. फिर भी जिस प्रकार से अन्य कई जिलों में बच्चो में हो रहे बुखार से हाहाकार मचा हुआ है उसको लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है.

इटावा में बुखार पीड़ितों की बढ़ रही संख्या

इटावा जनपद के डॉ. भीमराव अंबेडकर संयुक्त अस्पताल में 14 मरीज बुखार से पीड़ित हैं, जिनमें अधिकतर वायरल फीवर से ग्रसित हैं. 14 मरीजों में से 6 बच्चे शामिल हैं. जिला अस्पताल के अंदर एक विशेष डेंगू वॉर्ड बनाया गया है. जिसमें 16 बेड का इंतजाम किया गया है. स्टाफ नर्स के अनुसार प्रतिदिन बुखार के मरीज ठीक होकर जा रहे हैं. 6 बच्चों में सभी बच्चे 5 साल से कम उम्र के हैं यह सभी बुखार से पीड़ित हैं. सभी बच्चों को वायरल फीवर का प्रभाव है इनका इलाज अस्पताल में जारी है.

फर्रुखाबाद में दर्जनों गांव प्रभावित

फर्रुखाबाद जनपद के एक दर्जन गांवों में बुखार का कहर फैला है. सैकड़ों ग्रामीण बुखार की चपेट में आ चुके हैं. बुखार का कहर जहानगंज इलाके के जरारी, पटौंजा, मूसाखिरिया, कोठी आदि गांव में ज्यादा देखने को मिल रहा है. इन गांवों में सैकड़ों ग्रामीण बुखार से पीड़ित हैं. बुखार को लेकर जिम्मेदार स्वास्थ विभाग भी निष्क्रिय दिख रहा है. स्वास्थ्य विभाग केवल गांवों में जाकर जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है. ग्रामीणों के अनुसार बुखार से मौतों की संख्या काफी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने जनपद में 9 मौतों की पुष्टि की है. स्वास्थ विभाग के अनुसार यह सीजनल बुखार वायरल, टाइफाइड और डेंगू है. फिलहाल, बुखार से प्रभावित ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

गोंडा में बीमारी ने दी दस्तक

गोंडा में भी अब तेजी से वायरल फैलता जा रहा है. सीएमओ की मानें तो पिछले 2 महीने में जिले में बुखार के 4890 मरीज सामने आए हैं, जिसमे जिला अस्पताल ने ही 2799 मरीजों का इलाज किया है. जिले की एक तहसील के कुछ गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. वहां भी बुखार से 1102 मरीज बुखार पीड़ित हो चुके हैं. अभी तक बुखार से कोई भी मौत नहीं हुई है.

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