लखनऊ: एलडीए कॉलोनी के पार्क में जलते हैं मुर्दे, ‘घरों में नहीं बनता खाना’, जानिए
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav) करीब हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ में भी निकाय चुनाव की आहट सुनाई देने…
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav) करीब हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ में भी निकाय चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है. इसी बीच लखनऊ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक जानकीपुरम सेक्टर में एक ऐसी जगह है जहां के लोग बहुत परेशान हैं. इनकी परेशानी का कारण जानकर आप भी हैरान रह जाएगे.
दरअसल जानकीपुरम सेक्टर जे में आवासीय क्षेत्र में एक ऐसी जगह है जहां मुर्दे जलाए जाते हैं. एलडीए कॉलोनी के बीचों-बीच खुले मैदान में जहां बच्चे खेलकूद सकते हैं, बुजुर्ग योग कर सकते हैं, लोग सुबह टहल सकते हैं, उस मैदान में मुर्दे जलाए जाते हैं. यहां तक इस मैदान का नजारा किसी श्मशान घाट से कम नहीं है. इसी वजह से यहां गंदगी का अंबार भी लगा रहता है.
लोगों में लौटा कोरोना का खौफ
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यूपीतक की टीम ने यहां के स्थानीय लोगों से बात की. इस दौरान यहां के स्थानीय निवासी एकत्र हो गए और अपना दर्द बयां करने लगे. लोगों ने कहा कि, कोरोना (Covid-19) महामारी के दौरान भी यहां मुर्दे जलाए जाते थे, जिससे हम लोगों में डर बना रहता था. अब एक बार फिर कोरोना की आहट सुनाई दे रही है, तो ऐसे में हमारी मांग है कि यहां मुर्दा जलाना पूरी तरह से बंद किया जाए.
मुर्दा जलाए जाते हैं तो नहीं बनता घरों में खाना
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इस दौरान यूपीतक की टीम को 70 वर्षीय बुजुर्ग कृपा शंकर त्रिपाठी ने बताया कि, “जब यहां मुर्दे जलाए जाते हैं तो यहां के लोगों के घरों में खाना नहीं बनता. मुर्दे के साथ भीड़ आती है और मुर्दा जलाकर वह चली जाती है. मगर हम लोग कुछ नहीं कर पाते.”
यहां के निवासी सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि, यह कॉलोनी एलडीए की है और जिस दिन मुर्दा आता है उस दिन यहां के बच्चे बाहर नहीं निकल पाते हैं. वह कई दिनों तक घर में ही रहते हैं, क्योंकि यहां बदबू फैल जाती है. इसलिए बच्चों को अपने-अपने घरों में ही रहना पड़ता है. यहां तक की रात में लोग यहां से निकलने से डरते हैं.
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सांसद-विधायक और अधिकारियों तक के दरवाजे खटखटाए
जानकीपुरम के ही रहने वाले बृजेश गुप्ता ने बताया कि, “विधायक-सांसद से लेकर आला अधिकारियों तक के दरवाजे खटखटा गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मुर्दा जलने के बाद बहुत बदबू आती है.घर में खाना नहीं बनता है.”
मुकेश शुक्ला नाम के स्थानीय व्यक्ति ने यूपी तक से कहा कि, हमारे साथ धोखा हुआ है. एलडीए ने मैदान को पार्क बताकर धोखा दिया है, जबकि यहां मुर्दा जलता है और यह श्मशान है. मुर्दा जलने से जो धुआ निकलता है वह घरों में जाता है और खाना बनने में दिक्कत होती है क्योंकि हफ्ते भर इसकी बदबू रहती है. इस दौरान लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया और नारेबाजी की.
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