लखनऊ के लोहिया संस्थान से MBBS करने के बाद भी छात्रों को नहीं मिल रही नौकरी, ये है वजह

सत्यम मिश्रा

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Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों का भविष्य अंधेरे में दिखाई पड़ रहा है. दरअसल लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से एमबीबीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके छात्रों को एमबीबीएस की डिग्री की मान्यता ही नहीं है. क्योंकि एमबीबीएस कोर्स को अभी तक नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा मान्यता नहीं मिली है. ऐसे में छात्र नेशनल मेडिकल कमिशन में अपना पंजीकरण नहीं करवा पा रहे हैं, जिसके चलते उन्हें नौकरी भी मिलने में दिक्कत हो रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों का यह पहला बैच है, जो पास हुआ है. मगर कोर्स को अभी तक एनएमसी द्वारा मान्यता नहीं मिली है.

संस्थान की डीन ने कही ये बात

राम मनोहर लोहिया संस्थान की डीन डॉ. नुजहत हुसैन के अनुसार, “राम मनोहर लोहिया में जब एमबीबीएस कोर्स शुरू हुआ था तो उससे पहले ही नेशनल मेडिकल कमीशन में आवेदन किया गया था, जिसके चलते कोर्स शुरू करने की अनुमति मिली थी. वहीं जब MBBS बैच फाइनल ईयर में पहुंचा तो एनएमसी द्वारा निरीक्षण किया गया. ऐसे में अब एनएससी की रिपोर्ट आनी बाकी है. जैसे ही निरीक्षण के आधार पर रिपोर्ट आती है और परमिशन मिलती है तो एमबीबीएस के स्टूडेंट्स तुरंत अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे और फिर कहीं भी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे.”

बता दें कि लोहिया संस्थान में विगत 2017 में एमबीबीएस की शुरुआत हुई थी और इस बैच में 150 सीटों पर दाखिला हुआ था. अब इसी साल इस बैच ने परीक्षा पास की है. परीक्षा पास करने के बाद जब स्टूडेंट्स ने नेशनल मेडिकल कमिशन में रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किया तो पता चला कि लोहिया संस्थान की एमबीबीएस डिग्री को अभी तक मान्यता ही नहीं मिल पाई है. इसी कारण छात्र रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके, जिसके चलते उन्हें कहीं नौकरी भी नहीं मिल रही है.

प्राइवेट प्रैक्टिस भी नहीं कर पा रहे छात्र

साथ ही साथ जब तक लोहिया संस्थान को एमबीबीएस डिग्री की मान्यता नहीं मिलती है, तब तक ये छात्र कहीं खुद की प्राइवेट प्रैक्टिस भी नहीं कर सकते हैं. हालांकि एक छात्र ने बताया कि ‘एमबीबीएस की मान्यता को लेकर बैठकें हो रही हैं और उम्मीद है कि अगले 10 दिनों में समाधान हो जाए.’

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