लखनऊ की पूर्वा का इस बात को लेकर बच्चे बनाते थे मजाक, लेकिन अब उन्होंने रच दिया इतिहास

सत्यम मिश्रा

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Lucknow News: मन में अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो और किसी भी काम को पूरा करने का जज्बा हो तो बड़े से बड़ा संकल्प भी पूरा किया जा सकता है. ऐसा ही जज्बा लखनऊ की 25 वर्षीय पूर्वा धवन में देखने को मिला है, जिन्होंने साउथ अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंची चोटी पर देश का तिरंगा फहराया है. आपको बता दें कि पूर्वा जब कक्षा 10 में थीं तब उनकी गर्दन एक तरफ झुकी हुई थी, जिसके कारण बच्चे उनका मजाक बनाते थे और चिढ़ाया करते थे. इसके चलते उन्हें गर्दन की सर्जरी करानी पड़ी, लेकिन इसके बावजूद भी पूर्वा के इरादे कमजोर न पड़े और पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को देखकर उन्होंने जिंदगी में हार न मानने की ठानी.

दरअसल, राजधानी लखनऊ की रहने वालीं 25 वर्षीय पूर्वा धवन ने साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर देश का तिरंगा फहराया है. माउंट किलिमंजारो की ऊंचाई 5895 मीटर ऊंची है. पूर्वा धवन ने बातचीत में बताया कि अभी उन्हें दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों पर भारत का तिरंगा फहराना है. और आने वाले दिसंबर माह में वह अर्जेंटीना स्थित माउंट अकोंकागुआ की तैयारी कर रही हैं, जिसकी ऊंचाई 7000 मीटर से अधिक है. पूर्वा के अनुसार, इसके बाद उन्हें दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत देश का तिरंगा फहराना है.

पर्वतारोही पूर्वा ने बताया कि उन्होंने पर्वतों पर चढ़ाई करने से पहले बेसिक और एडवांस माउंटेन ट्रेनिंग कोर्स उत्तराखंड से किया था. इसके बाद दिसंबर 2017 में एवरेस्ट बेस कैंप से अपनी जर्नी स्टार्ट की थी. फिर उत्तराखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी, नेपाल की चोटी पर, लेह-लद्दाख की चोटी पर अपने देश का झंडा फहराया. इसके साथ उन्होंने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना का बैनर जिसपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर है उसको पर्वतों की चोटी पर फहराया.

माउंटेनियर पूर्वा बताती हैं कि उनके घर वाले उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं. जब भी वह पर्वतों पर जाती हैं तो वह उनको हौसला देते हैं. खासकर उनके पिता जो उनकी बैकबोन हैं, वह हमेशा उनके काम की प्रोहत्सना करते हैं.

किलिमंजारो चोटी के बारे में बताते हुए पूर्वा ने कहा, ‘यह पहाड़ एक ड्राई माउंटेन है जहां पर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. वहां पर पानी की भी दिक्कत होने लगती है, क्योंकि 4600 मीटर के बाद वहां पानी नहीं है. जैसे-जैसे हम ऊपर जाते थे तो ड्राइंग माउंटेन होने की वजह से हमारी रफ्तार में कमी आ रही थी और हमें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.’

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पूर्वा बताती हैं कि आने वाले समय में वह माउंट एवरेस्ट जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है, वहां पहुंचकर अपने देश का झंडा फहराना चाहती हैं. साथ ही साथ जो सात कॉन्टिनेंट की अलग-अलग पीक्स हैं वहां पर भी अपने देश का झंडा फहराना चाहती हैं, ताकि लोगों को बताया जा सके की बेटियां कुछ भी कर सकती हैं.

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