परीचौक से नोएडा एयरपोर्ट के बीच अब पॉड टैक्सी की बजाय चलेगी लाइट रेल ट्रांजिट, कैसी होगी ये?

अरुण त्यागी

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गौतमबुद्ध नगर के जेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उम्मीदें हैं कि वो इस इलाके में तरक्की की नई इबारत लिखेगा. ऐसी उम्मीदों के पीछे यहां तेजी से तैयार होता इंफ्रास्ट्रक्चर और नई-नई तरह की सर्विसेज हैं. ऐसी ही एक नई सेवा का जिक्र अब तेज हुआ है और उसका नाम है लाइट रेल ट्रांजिट यानी कि एलआरटी. आपको बता दें कि पहले यह योजना बनाई गई थी ग्रेटर नोएडा के मशहूर परी चौक को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पॉड टैक्सी सर्विस की मदद से जोड़ा जाएगा. पर अब इस प्लान में बदलाव हुआ है.  

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को परिचौक से जोड़ने के लिए अब पॉड टैक्सी नहीं चलाई जाएगी. अब परीचौक और नोएडा एयरपोर्ट के बीच लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) चलाई जाएगी. इसको लेकर व्यवहार्यता रिपोर्ट (फिजीबिलिटी रिपोर्ट) तैयार कराई जा रही है. यमुना प्राधिकरण द्वारा इस रिपोर्ट को तैयार करने का जिम्मा जर्मन कंपनी सीमेंस और भारतीय कंपनी इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है. इसका रूट से एयरपोर्ट से फिल्म सिटी का होगा और  डीपीआर बनने के बाद  ही इसमें लगने वाला अनुमानित खर्च पता चल पाएगा. 

एक्सप्रेसवे के बगल में दौड़ेगी एलआरटी!

इस रिपोर्ट को 30 जून तक प्राधिकरण को सौंपना है. प्राधिकरण की योजना यमुना एक्सप्रेसवे के समानांतर बनी 60 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे एलआरटी सिस्टम की लाइनें बिछाने की है. इससे ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के कई सेक्टरों की आपसी कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी. इससे पहले यमुना प्राधिकरण ने नोएडा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक पॉड टैक्सी चलाने की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कराई थी. यह रिपोर्ट इंडिया पोर्ट रेल एंड रोपवे कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार की गई थी. लेकिन इसकी उच्च लागत, सीमित क्षमता और संचालन खर्च के कारण प्रदेश सरकार ने इस परियोजना को स्थगित कर दिया है. मार्च में प्रदेश की परियोजना क्रियान्वयन और निगरानी समिति ने यमुना प्राधिकरण को एलआरटी सिस्टम की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए. 

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यमुना एक्सप्रेसवे के साथ-साथ बने 60 मीटर चौड़े रास्ते के किनारे ही एलआरटी ट्रैक बिछाया जाएगा. यह सड़क यमुना एक्सप्रेसवे के शुरुआती बिंदु से शुरू होकर नोएडा एयरपोर्ट तक जाती है. इस सड़क के किनारे 120 मीटर चौड़ी हरित पट्टी भी है. एलआरटी सिस्टम से ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के आपसी संपर्क में आसानी होगी. यह शहरी क्षेत्रों के भीतर परिवहन के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. एलआरटी अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है और स्टील पहियों के कारण ऊर्जा की कम खपत होती है, जिससे संचालन लागत भी कम आती है. दुनिया के कई देशों में एलआरटी सिस्टम चल रही है, जबकि पॉड टैक्सी की अधिकतम गति सिर्फ 40 किमी प्रति घंटा है. 

 

 

इसके अलावा गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए 'नमो भारत रेल' परियोजना भी तैयार की गई है. इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है. इस परियोजना को प्रदेश सरकार से निर्माण लागत की स्वीकृति का इंतजार है. यह रेल लाइन यमुना प्रदेश अथॉरिटी के कई सेक्टरों से होकर गुजरेगी.

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