नोएडा: ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित, बारीकी से हो रही जांच

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नोएडा के सेक्टर 93 ए में सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर ध्वस्त किये जाने के बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं हैं. हालांकि, एक विस्तृत ‘ऑडिट’ जारी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. हालांकि बताया जा रहा है कि एटीएस के कपाउंड वॉल टूटने के साथ ही फरीदाबाद फ्लाइओवर में कंपन की खबर आ रही है.

ट्विन टावर गिराने वाली टीम के मेंबर और ब्लास्टर केविन दत्ता ने बताया कि जैसे ही बिल्डिंग गिरी मेंबर मास्क लगाकर धूल के गुबार में दौड़ पड़े. सबसे बड़ी चिंता एमरॉल्ड कोर्ट की थी. हालांकि प्राथमिक जांच में एमरॉल्ड कोर्ट सुरक्षित है. एटीएस के कपांउड वॉल पर मलबे का एक बड़ा टुकड़ा टकराया है जिससे वो टूट गई है. बाकी सबकुछ सेफ है.

नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि सबकुछ सेक्सेजफुली एक्जिक्यूट हो गया है. क्लीनिंग का काम शुरू हो गया है. एमरॉल्ड कोर्ट और एटीएस में सप्लाई रिस्टोर करने के लिए टीम आ रही है. प्री एंड पोस्ट डेमोलिशन अंडर कंट्रोल है. धूल के गुबार के बाद पर्यावरण के हालात को मॉनिटरिंग कर रहे हैं जिसका डेटा जल्द ही जारी होगा. अनुमान है कि सोसायटी के लोग शाम साढ़े 7 बजे तक अपने घरों में आ सकते हैं.

ट्विन टावर को गिराने का कार्य मुंबई की कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को सौंपा गया था. एडिफिस इंजीनियरिंग के उत्कर्ष मेहता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ट्विन टावर को सफलतापूर्वक गिरा दिया गया. आसपास की इमारतों को कोई ढांचागत नुकसान नहीं पहुंचा है. स्थल का निरीक्षण जारी है. ’’ संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) लव कुमार ने कहा, ‘‘ट्विन टावर ध्वस्त किये जाने के बाद आसपास की इमारतों को नुकसान पहुंचने की कोई सूचना नहीं है. विस्तृत ‘ऑडिट’ जारी है.’’

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गौरतलब है कि अवैध रूप से निर्मित ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा एक निर्देश दिये जाने के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई. लगभग 100 मीटर ऊंचे ढांचों को विस्फोट कर चंद सेकेंड में धराशायी कर दिया गया.

(इनपुट: भाषा)

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