राजा भैया को मिला रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता, कुंडा MLA ने जाने को लेकर किया ये ऐलान

सुनील यादव

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Ram Mandir News: देश में इन दिनों अयोध्या का राम मंदिर सुर्खियों में बना हुआ है. बता दें कि 22 जनवरी को 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों को न्यौता दिया जा रहा है. इसी क्रम में अब जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए न्यौता मिला है. समारोह का न्यौता मिलाने के बाद राजा भैया ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है.

राजा भैया जाएंगे अयोध्या?

राजा भैया ने कहा, “500 साल बाद भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है, जिसमें राम लला सरकार विराजमान होंगे. दूसरी सौभाग्य की बात ये है कि उसका निमंत्रण मुझे मिला है. 22 तारीख को मैं वही रहूंगा. वैसे मंदिर का निमंत्रण नहीं होता है. दर्शन हम अकेले नहीं करेंगे. पूरे परिवार की तरफ से, पूरे जनपद की तरफ से राम लला के चरणों में माथा टेक कर हम आप सभी के लिए आशीर्वाद मांगेंगे. ये सभी के लिए ऐतिहासिक और मंगलमय पर्व है.”

किनकी उपस्थिति में होगी प्राण प्रतिष्ठा

आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी.

कौन-कौनसी परंपराएं प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेंगी?

आपको जानकारी दे दें कि शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएं इसमें भाग लेंगी.

कौन होगा मुख्य आचार्य?

समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे. श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे, तथा काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे.

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