Rampur Lok Sabha Journalists prediction on exit poll 2024: आजम के गढ़ रामपुर में कौन जीत रहा?

आमिर खान

ADVERTISEMENT

Rampur Exit Poll
Rampur Exit Poll
social share
google news

Rampur Lok Sabha exit poll 2024: यूपी समेत देशभर की लोकसभा सीटों पर वोटिंग समाप्त होने के बाद अब Lok Sabha Election 2024 के Exit poll सामने आ गए हैं. हम यहां आपको रामपुर (Rampur Lok Sabha seat) लोकसभा सीट पर हुई वोटिंग के बाद यहां के स्थानीय पत्रकारों का एग्जिट पोल बता रहे हैं. रामुपर से बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद घनश्याम लोधी को उम्मीदवार बनाया था. इनके जवाब में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन ने जामा मस्जिद के इमाम मोहिबुल्ला नदवी को मैदान में उतारा. बहुजन समाज पार्टी ने यहां से जीशान खान को उम्मीदवार बनाकर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की. पर क्या बसपा ऐसा कर पाने में कामयाब हो पाई? रामपुर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान का गढ़ माना जाता है. 2022 में आजम खान को सजा होने के बाद यहां पर उपचुनाव हुए थे. इसमें बीजेपी के घनश्याम लोधी ने आजम खान कैंप के आसिम रजा को शिकस्त दी थी. पर क्या इस बार घनश्याम लोधी अपनी सीट जीत पाएंगे? आइए आपको बताते हैं कि स्थानीय पत्रकारों ने एग्जिट पोल में क्या पाया. 

रामपुर के वरिष्ठ पत्रकार मुजस्सिम कहते हैं, ‘जीत और हार का फैसला 4 जून को होगा. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की वजह से मुस्लिम आबादी जो कि 52 फीसदी उसका बड़ा तबका गठबंधन को गया. मोहिबुल्ला नदवी सपा गठबंधन प्रत्याशी थे. कांग्रेस ने मजबूती से चुनाव लड़ाया है. पूर्व सांसद बेगम नूर बानो, विधायक अफरोज अली खान, पूर्व विधायक संजय कपूर ने शिद्दत के साथ मैदान में उतरे. स्थानीय कांग्रेस नेताओं का सपोर्ट मिला है. अंदाजा है कि चुनाव का पाला नदवी की ओर झुका हुआ है. मुस्लिमों का वोट सपा प्रत्याशी के खाते में गया है. नदवी बीजेपी पर भारी नजर आ रहे हैं. मुस्लिमों के मन में जो बात चल रही थी, पीएम मोदी सीएम योगी ने भले सबका साथ सबका विकास का नारा दिया हो, लेकिन निगेटिविटी देखने को मिली. विकास हुआ है, पीएम आवास योजना का फायदा मिला है, लेकिन मुस्लिम मतदाताओं में बीजेपी की ओर रुझान नहीं मिला है. वहीं दलित वोट बीएसपी की ओर जाता दिखा. पिछले चुनावों तक ये खिसक कर बीजेपी के पाले में गया था.’

‘चुनाव का ऐलान हुआ तो भारी थे घनश्याम लोधी, बाद में सपा-कांग्रेस निकली आगे’

पत्रकार साजिद खान कहते हैं, ‘जिस वक्त चुनाव का ऐलान हुआ तो बीजेपी ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया. अंतिम वक्त में आसिम राजा और नदवी का पर्चा भरा गया. चुनाव जब शुरू हुआ तो बीजेपी का पलड़ा भारी था लेकिन वोटिंग के करीब आने तक नदवी का चुनाव ऊपर आने लगा. शुरू में गठबंधन के लोग नादारद थे, बाद में वो एकजुट हुए. आजम खान के विरोधियों का वोट मौलाना नदवी को मिला. मुस्लिम वोट जो बीजेपी को नहीं देना चाहता था वो नदवी को मिला. पहले हिंदू मुस्लिम यहां नहीं होता था लेकिन अब यहां हिंदू मुस्लिम का मुद्दा बनता दिख रहा है.’ 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

‘सपा का पलड़ा भारी, लेकिन कड़ी टक्कर दे रही बीजेपी’ 

पत्रकार सुरेश कहते हैं कि, ‘रामपुर में समाजवादी पार्टी का पलड़ा भारी है, लेकिन भाजपा कड़ी टक्कर दे रही है. सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को मिला है. मुस्लिम मतदाताओं ने भी भाजपा को वोट दिया है. लोग आजम खान से भी नाराज हैं और भाजपा से भी नाराज हैं. लोगों के ऊपर जिस तरह से छापे पड़े इसको लेकर नाराजगी है. शुरू में इंडिया गठबंधन एकजुट नहीं दिखा लेकिन बाद में एकजुट हुआ. गठबंधन से भाजपा को नुकसान ही हुआ है. मोहिबुल्ला नदवी जामा मस्जिद के इमाम हैं. पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और यहां के निवासी हैं इनका बेनिफिट ज्यादा है.’

‘बसपा ने भी बीजेपी को पहुंचाया नुकसान’

पत्रकार फहाद खान कहते हैं, ‘बीजेपी ने घनश्याम लोधी को चुनाव में उतारा तो उनका पलड़ा भारी दिखा. फिर बसपा ने जिशान खान को उतारा. सपा ने ऐसा नाम दिया जिन्हें लोग यहां जानते नहीं थे. पर मोहिबुल्ला नदवी चुनाव मैदान में उतरे. उनका प्रचार अच्छा रहा. फिर मिलक की घटना हुई जहां भीमराम अंबेडकर की मूर्ति को लेकर विवाद हुआ तो इसका फायदा बीएसपी के जिशान को हुआ. और इसका नुकसान बीजेपी को हुआ और इस वजह से नदवी आगे निकलते नजर आए.’

ADVERTISEMENT

रामपुर में 2022 के उपचुनाव में कैसे थे नतीजे

पार्टी प्रत्याशी वोट
भाजपा धनश्याम लोधी 367,397
सपा  असीम रजा 367,397
नोटा   4,450
जीत हार का अंतर   367,397


नोट: यह महज एग्जिट पोल और पत्रकारों के आकलन का दावा है. 4 जून को इस सीट पर नतीजे इससे अलग भी हो सकते हैं.

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT