रक्षक ही बने भक्षक! कानपुर में पुलिस वाले ही STF के नाम पर व्यापारियों से करते थे वसूली

रंजय सिंह

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कानपुर में कुछ पुलिस वाले ही एसटीएफ के नाम पर व्यापारियों का अपहरण करके अवैध ढंग से उनको फंसाने की धमकी देकर वसूली का गैंग चला रहे थे. कानपुर कमिश्नर के निर्देश पर पुलिस ने इस गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसमें एक सिपाही और उसका साथी तो पकड़ा गया जबकि दूसरा सिपाही और उसका साथी फरार है.

कानपुर के गोविंद नगर की जेपी कॉलोनी में रहने वाले दुकानदार पंकज कपूर को शुक्रवार की रात में एक कार से आए 4 लोगों ने यह क्या कर उठा ले गए थे कि हम एसटीएफ से आए हैं. पंकज को एक सुनसान जगह ले जाकर इन लोगों ने उसको धमकी दी कि तुम नशीली दवा भेजते हो. पंकज ने मना किया तो आरोपियों ने कहा कि नहीं हम तुमको इसी मामले में जेल भेज देंगे. इसके बाद आरोपियों ने पंकज से 20 हजार रुपये की मांग की.

पंकज ने जब पैसा देने से मना किया तो आरोपियों ने उसके दोस्त से बात करवा कर पैसे की व्यवस्था करने को कहा. इसी दौरान पंकज के घर वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी. पुलिस ने पूरे गैंग को पकड़ने की कोशिश की, जिसमें व्यापारी को छोड़कर यह पूरा गैंग मौके से फरार हो गया. लेकिन इसके बाद रात भर पुलिस ने सीसीटीवी और गाड़ी के नंबर से आरोपियों का पता लगाया. फिर पुलिस ने पूरे गैंग का पर्दाफाश किया.

पुलिस ने इस गैंग के मुख्य सिपाही मुकेश को उसके साथी शालू के साथ गिरफ्तार किया है, जबकि मुकेश का दूसरा साथी पुलिसवाला अमित अपने साथी के साथ मौके से फरार हो गया है.

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इस मामले में डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने मुकेश और उसके साथी शालू को मीडिया के सामने पेश करते हुए जानकारी दी कि यह लोग एसटीएफ के नाम पर एक वसूली गैंग चला रहे थे, जिसका मुखिया सिपाही मुकेश और उसका साथी सिपाही अमित था, जो लोग गोविंद नगर इलाके में कुछ स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सीधे-साधे दुकानदारों को एसटीएफ के नाम पर पूछताछ करने के लिए उठा लेते थे. फिर उनको फर्जी फंसाने की धमकी देकर पैसे की वसूली करते थे. इसी वसूली के चक्कर में इन्होंने दुकानदार पंकज को उठाया था.

मुकेश के बारे में डीसीपी का कहना है कि यह पहले भी नगर इलाके से अपहरण के मामले में जेल जा चुका है. इस समय मुकेश फीलखाना थाने में तैनात है. इनकी गिरफ्तारी के बाद दूसरे सिपाही अमित और उसके साथी की भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.

डीसीपी का कहना है कि पुलिस कमिश्नर ने दोनों की बर्खास्तगी के आदेश दिए हैं. इसके लिए इनकी पूरी वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

वहीं इस मामले में पीड़ित दुकानदार ने बताया कि शुक्रवार की रात को चार लोग कार से आए थे. मेरी दुकान से मुझे उठा ले गए. कहने लगे कि तुम नशीली दवा भेजते हो. मैंने जब मना किया तो कहने लगे अब तुम को जेल भेजेंगे नहीं तो 20 हजार रुपये हमको दो.

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