Varanasi Tak: ज्ञानवापी मामले में वाद मित्र को पाकिस्तान से आया फोन, मिली ये धमकी
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और उससे संबंधित मंदिरों को लेकर हिंदू पक्ष के लोगों को पाकिस्तान के नंबरों से धमकी मिलने का सिलसिला थमता…
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वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और उससे संबंधित मंदिरों को लेकर हिंदू पक्ष के लोगों को पाकिस्तान के नंबरों से धमकी मिलने का सिलसिला थमता…
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और उससे संबंधित मंदिरों को लेकर हिंदू पक्ष के लोगों को पाकिस्तान के नंबरों से धमकी मिलने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है. अभी कुछ दिनों पहले ही ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में चारों याची महिलाओं के पैरोकार सोमनाथ व्यास को पाकिस्तान के नंबर से जान से मारने की धमकी और सर तन से जुदा करने की बात कही गई थी. वहीं अब 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विशेश्वर नाथ और ज्ञानवापी मस्जिद के बीच में चले आ रहे मुकदमे में ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विशेश्वर की तरफ से वाद मित्र हरिहर पांडे को पाकिस्तान के नंबर से धमकी मिली है.
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प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विशेश्वरनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद के चल रहे 1991 से मुकदमे की सुनवाई अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही है. इस मुकदमे को करने वाले वाद मित्र हरिहर पांडे की 24 अगस्त की सुबह उस समय चिंता बढ़ गई जब इन्हें पाकिस्तान के नंबर 923211160599 से कॉल आई.
हरिहर पांडे ने बताया कॉल उठाने के बाद सामने से यह धमकी मिली- ‘तुम्हारा ही नहीं पूरे परिवार का काम तमाम जल्दी करूंगा’. इतना कहने के बाद हरिहर पांडे कुछ कह पाते हैं कि उसके पहले ही फोन कट गया. अगले ही पल उनके व्हाट्सएप नंबर पर एक सिर कटी फोटो भी आ गई. इस संबंध में हरिहर पांडे ने पुलिस के आला अधिकारियों को सूचित करते हुए संबंधित लक्सा थाने में एफआईआर भी दर्ज करा दिया.
हरियार पांडे की मानें तो 4 माह पहले भी उनको धमकी मिली थी. दरअसल 8 अप्रैल 2021 को वाराणसी के सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण का आदेश दिया था. उसी दिन देर शाम उनके मोबाइल पर कॉल आई थी. फोन करने वाले शख्स ने खुद को वाराणसी का दालमंडी निवासी यासीन बताया था. उसका कहना था कि पांडे जी मुकदमे में अपने आदेश तो करा लिया, लेकिन एएसआई वाले ज्ञानवापी में घुस नहीं पाएंगे. आप और उनके सहयोगी मारे जाएंगे. इसकी भी शिकायत हरिहर पांडे ने अगले ही दिन पुलिस को की थी. इसके बाद उन्हें सरकारी सुरक्षा मुहैया कराई गई थी. हालांकि अब उनकी सुरक्षा हट चुकी है.
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