यूपी पुलिस में 55 हजार भर्ती: इन चुनौतियों से पार पाना आसान नहीं, जानिए बोर्ड की तैयारियां

संतोष शर्मा

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उत्तर प्रदेश पुलिस में खाली चल रहे 55 हजार से अधिक सिपाहियों के पद की भर्ती यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के लिए आसान होने नहीं जा रही है. एक तरफ भर्ती बोर्ड को पेपर लीक कराने वाले गैंग की वजह से परीक्षा कराने वाली एजेंसी नहीं मिल पा रही, तो वहीं दूसरी तरफ पेपर लीक को रोकने के लिए भर्ती बोर्ड में अब नए सिरे से परीक्षा पद्धति पर भी बैठकों का दौर जारी है. लेकिन यह परीक्षा ऑनलाइन होगी या हाइब्रिड मोड में करवाई जाएगी, अभी कुछ भी तय नहीं हो पा रहा है.

बीते साल नवंबर महीने में उत्तर प्रदेश पुलिस में 35,757 पदों पर सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी. लेकिन 8 महीने बाद भी यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई. इसकी वजह ये थी कि ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने परीक्षा कराने से इंकार कर दिया.

कहा जा रहा है कि पेपर लीक कराने वाले गैंग्स की वजह से यूपी में दर्ज हो रही है. एफआईआर से परीक्षा कराने वाली एजेंसी का नाम खराब हो रहा था. लिहाजा परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने इस पूरी व्यवस्था से ही खुद को अलग कर लिया.

8 महीने बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड नेपुलिस मुख्यालय से खाली चल रहे पदों का विवरण मांगा. जिसके लिए भर्ती प्रक्रिया की जानी चाहिए, तो पता चला कि यूपी पुलिस में 41,811 पद सिविल पुलिस कॉन्स्टेबल के, 8540 पीएसी में कॉन्स्टेबल, 1007 फायरमैन के और 1341 यूपी एसएसएफ में सिपाही के खाली हैं. कुल 52699 सिपाहियों के पद खाली चल रहे हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड अगर इन सभी पदों पर एक साथ भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत करता है तो यह अब तक की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती होगी. लेकिन अब इस सबसे बड़ी भर्ती को कराने के लिए भर्ती बोर्ड में नई परीक्षा पद्धति को अपनाने पर विचार चल रहा है.

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अब तक ऑनलाइन परीक्षा हो या ऑफलाइन परीक्षा सभी में पेपर लीक गैंग ने सेंधमारी की, लेकिन अब उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व डीजीपी आरके विश्वकर्मा के कार्यकाल में शुरू हुई हाइब्रिड एग्जाम पॉलिसी की कवायद पर विचार चल रहा है.

इस हाइब्रिड एग्जाम पॉलिसी के तहत परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र परीक्षार्थी के सामने लगे कंप्यूटर पर आएगा यानी क्वेश्चन पेपर ऑनलाइन होगा, लेकिन उसका जवाब ओएमआर शीट यानी हार्ड हार्ड कॉपी पर देना होगा और उसी ओएमआर शीट के आधार पर रिजल्ट तैयार होगा.

भर्ती बोर्ड में अभी मीटिंग का दौर चल रहा है. हाइब्रिड एग्जाम पॉलिसी को अपनाने को लेकर भी संशय बरकरार है. भर्ती बोर्ड से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नई व्यवस्था को लागू करने के लिए भी पॉलिसी बनाने की आवश्यकता होगी, क्योंकि जब भी किसी परीक्षा के तरीके को बदला जाएगा तो नई पॉलिसी के तहत एग्जाम पॉलिसी को बनाना होगा, तभी कोई परीक्षा करवाई जा सकती है.

पॉलिसी को बनाने से पहले यह भी देखना होगा कि पेपर लीक पर कितनी नकेल कसी जा सकती है. इस हाइब्रिड परीक्षा प्रणाली में भी आशंका है कि पेपर लीक कराने वाले गैंग ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा की तरह सॉल्वर गैंग या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का दुरुपयोग कर परीक्षा को प्रभावित ना कर दे.

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फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस में खाली चल रहे 52699 पदों पर भर्ती के लिए कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है. अभी परीक्षा प्रणाली पर अंतिम फैसला होना है और उसके बाद परीक्षा कराने वाली एजेंसी का टेंडर के जरिए चयन होगा तब कहीं जाकर इस भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत होगी.

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