यूपी: 45 विधायकों के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय, चुनाव लड़ने पर संशय! अकेले BJP के 32 विधायक

आशीष श्रीवास्तव

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एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि मौजूदा 45 विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं. आरपी अधिनियम (रिप्रेजेन्टेशन ऑफ पीपुल एक्ट/लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम) 1951 की धारा 8(1), (2) और (3) के तहत सूचीबद्ध अपराधों में ये आरोप तय हुए हैं. इन मामलों में न्यूनतम छह महीने की सजा होने पर ये विधायक आगामी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

बता दें कि एडीआर की रिपोर्ट से पता चला है कि इनमें बीजेपी के 32, एसपी के 5, बीएसपी और अपना दल के 3-3 और कांग्रेस व अन्य दल का एक-एक विधायक शामिल हैं. आपको बता दें कि इन 45 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित रहने की औसत संख्या 13 वर्ष है. वहीं, 32 विधायकों के खिलाफ दस साल या उससे अधिक समय से कुल 63 आपराधिक मामले लंबित हैं.

ये है अयोग्यता के पैमाने-

  • आपराधिक मामलों वाले विधायकों की संख्या जो आर.पी अधिनियम 1951 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(1) के अंतर्गत आते हैं, उन्हें दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित किया जाएगा.

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  • आपराधिक मामलों वाले विधायकों की संख्या जो आर.पी. अधिनियम 1951 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(2) के अंतर्गत आते हैं, उन्हें कम से कम 6 महीने की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर आयोग्य घोषित किया जाएगा.

  • आपराधिक मामलों वाले विधायकों की संख्या जो आर.पी. अधिनियम 1951 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के अंतर्गत आते हैं, उन्हें 2 साल से कम की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित किया जाएगा.

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    ये हैं धारा 8 (1), (2) और (3) के तहत सूचीबद्ध अपराध

    • गंभीर/भयानक/जघन्य प्रकृति अपराध यानी भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत हत्या, बलात्कार, डकैती, लूट, अपहरण, महिलाओं के ऊपर अत्याचार, रिश्वत, अनुचित प्रभाव, धर्म, नस्ल, भाषा, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शुत्रता जैसे अपराध शामिल हैं.

  • इसमें भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग, उत्पादन/विनिर्माण/खेती, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण और/या किसी भी नशीली दवा के सेवन से संबंधित अपराध, जमाखोरी और मुनाफाखोरी से संबंधित अपराध, भोजन और दवाओं में मिलावट, दहेज आदि से संबंधित अपराध भी शामिल हैं.

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  • दोषी ठहराने के बाद कम से कम दो साल के कारावास की सजा भी इसमें शामिल हैं.

  • वर्तमान विधायकों में जिनके ऊपर आर.पी अधिनियम, 1951 की धारा 8(1), (2) और (3) के तहत आने वाले अपराधों के लिए न्यायालय की ओर से आरोप तय किए गए हैं और जिन पर 20 से अधिक वर्षों से मामले लंबित हैं, उनमें पहले स्थान पर बीजेपी के मरिहन निर्वाचन क्षेत्र से रमाशंकर सिंह, दूसरे स्थान पर बीएसपी के मऊ से मुख्तार अंसारी और तीसरे स्थान पर बीजेपी के धामपुर से अशोक कुमार राना हैं.

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