यूपी सीएम योगी ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, राहत कार्य तेज करने की दी हिदायत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को राज्य के बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का विमान से सर्वेक्षण…
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को राज्य के बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का विमान से सर्वेक्षण किया और पीड़ित लोगों को राहत सामग्री वितरित की.
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस मौके पर आदित्यनाथ ने तीनों स्थानों पर बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री भी वितरित की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बलरामपुर में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच जाकर उनसे बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि डबल इंजन की भाजपा सरकार बाढ़ से पीड़ित सभी लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और सबकी सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है.
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में निर्देश दिए कि मंत्री समूह अपने प्रभार वाले मंडलों / जनपदों में तत्काल दौरा कर राहत और बचाव के प्रयासों को और बेहतर बनाने में सहयोग करे.
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आदित्यनाथ ने अत्यधिक बारिश और बाढ़ से प्रभावित सभी जिलों में राहत एवं पुनर्वास कार्य तेज करने और एडीएम/जॉइंट मैजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जनपदीय नियंत्रण कक्ष को चौबीसों घंटे क्रियाशील रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद पहुंचाई जाए.
बाढ़ के कारण फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम गहन सर्वेक्षण करते हुए शीर्ष प्राथमिकता पर नुकसान का आकलन करें, ताकि किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके.
राहत आयुक्त कार्यालय से मंगलवार को प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में प्रदेश के 18 जिलों के 1370 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और इनमें बलरामपुर में सबसे ज्यादा 287 गांव शामिल हैं. इसके अलावा सिद्धार्थनगर में 129, गोरखपुर में 120, श्रावस्ती में 114, गोण्डा में 110, बहराइच में 102, लखीमपुर खीरी में 86 और बाराबंकी में 82 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.
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इस बीच, बाराबंकी से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 85 सेंटीमीटर अधिक है और बाढ़ पीड़ित अब नाव पर ही चूल्हा जलाने को मजबूर हैं.
पिछले कई दिनों से हो रही बारिश और नेपाल के बांधों से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से जिले में घाघरा नदी उफान पर है. बाढ़ के कारण जिले की तीन तहसीलों रामनगर, सिरौली गौसपुर और रामसनेहीघाट के 135 गांवों में हालात बहुत विकट हो गए हैं.
गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से पीड़ित अपनी गृहस्थी का सामान लेकर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं. चारों तरफ बाढ़ ने ऐसा हाहाकार मचा रखा है कि कई गावों में तो लोग नाव पर ही अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.
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जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि घाघरा के किनारे वाले इलाके में फसल काफी प्रभावित हुई है. उसके मुआवजे के लिए सूची बनाने को लेकर भी निर्देशित किया है. क्षेत्र में मेडिकल टीम भी लगाई गई हैं.
इस बीच, मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में अनेक स्थानों पर बारिश हुई. इस दौरान बहराइच के कैसरगंज में आठ सेंटीमीटर, चित्रकूट के कर्वी में सात, महराजगंज के निचलौल तथा मेरठ में पांच—पांच सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई. हालांकि प्रदेश में अब मौसम आमतौर पर सूखा रहने की सम्भावना है.
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