यूपी बोर्ड रिजल्ट जल्द होगा जारी, समय से पहले 10वीं-12वीं की सभी कॉपियां चेक
UP Board Results 2023: उत्तर प्रदेश बोर्ड ने इस साल कॉपियों के मूल्यांकन में इतिहास बना दिया है. निर्धारित समय के पहले ही 3.19 करोड़…
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UP Board Results 2023: उत्तर प्रदेश बोर्ड ने इस साल कॉपियों के मूल्यांकन में इतिहास बना दिया है. निर्धारित समय के पहले ही 3.19 करोड़ कॉपियों का मूल्यांकन पूरा हो गया है. गत वर्षों में निर्धारित अवधि के बाद भी मूल्यांकन होता रहा है. व्यावसायिक विषयों की कॉपियों को जांचने के लिए समय से परीक्षक भी नहीं मिलते थे. लेकिन बोर्ड ने कपियों के मूल्यांकन के लिए परीक्षकों को नियुक्त करने में पहले से ही सजगता बरती. इस बार नकल विहीन परीक्षा करा करके बोर्ड इतिहास रच चुका है. तीस सालों बाद किसी केंद्र से प्रश्नपत्र की रांग ओपनिंग नहीं हुई और ना ही कहीं पुनर्परीक्षा की स्थिति पैदा हुई. बोर्ड अब समय से रिजल्ट निकालने की तैयारी में जुट गया है.
समय से पहले ही हुई कॉपियां चेक
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की कॉपियों के मूल्यांकन की अवधि एक अप्रैल तक निर्धारित की गई थी. मूल्यांकन 18 मार्च को शुरू हुआ था. पर बोर्ड ने एक दिन पहले यानी 31 मार्च को ही मूल्यांकन पूरा कर लिया है. इस वर्ष बोर्ड के नए प्रशिक्षण माड्यूल ने भी मूल्यांकन कार्य को जल्द कराने में परीक्षकों को सहूलियत दी. स्टैटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति भी कारगर रही. कॉपियों को रेंडम तरीके से ही वितरित किया गया.
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बता दें कि बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर परीक्षा में कुल 58,85,745 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे. उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कुल 258 मूल्यांकन केंद्रों बनाए गए थे, जिसमें 83 राजकीय एवं 175 सहायता प्राप्त स्कूल थे. इन केंद्रों पर हाईस्कूल की 1,86 करोड़ और इंटर की 133 करोड़ समेत कुल 3 करोड़ 19 लाख कॉपियां थीं. हाई स्कूल की कॉपियों के मूल्यांकन को 89,698 और इंटर के लिए 54,235 समेत कुल 1,43,933 परीक्षक लगाए गए थे.
प्रदेश के 258 केन्द्रों पर 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य हुआ पूर्ण
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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य समय से पहले कर लिया गया है. ये मूल्यांकन कार्य 18 मार्च से 01 अप्रैल तक निर्धारित किया गया था. लेकिन प्रथम बार समय से पूर्व परिषद मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर 31 मार्च तक प्रदेश के समस्त 258 मूल्यांकन केन्द्रों पर मूल्यांकन कार्य समाप्त हो गया है.
यूपी बोर्ड के सचिव दिव्य कान्त शुक्ल ने देते हुए बताया कि हाईस्कूल की लगभग 1.86 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के लिए 89,698 परीक्षक तथा इण्टरमीडिएट की 1.33 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओ के लिए 54,235 परीक्षक लगाए गए थे. इस प्रकार कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन हेतु कुल 1,43,933 परीक्षक नियुक्त किए गए थे.
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गौरतलब है कि यूपी बोर्ड ने इस बार जुलाई माह से ही परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. परीक्षा नकल विहीन परीक्षा हो इसके लिए पहले गुणवर्त्ता पूर्ण शिक्षा पर ध्यान दिया गया. स्कूल में पठन-पाठन का माहौल बेहतर हो इसके लिए बोर्ड ने स्कूल की मॉनिटरिंग कराई. फिर नकल विहीन परीक्षा कराने पर फोकस किया. परीक्षा केंद्र बनाने में सावधानी बरती गई. इसका परिणाम सार्थक आने पर बोर्ड ने शुचितापूर्ण मूल्यांकन पर जोर दिया. अब उसके परिणाम भी बेहतर आए हैं.
गत वर्षों में मूल्यांकन अवधि के बाद भी कॉपियां जांची जाती रही थीं. इसकी वजह से बोर्ड की बहुत किरकिरी होती थी. इस बार बोर्ड ने मूल्यांकन भी समय से पहले करा दिया. जिन विषयों की कॉपियों के मूल्यांकन में दिक्कत आती थी उसे पहले दूर कर लिया गया था. बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने मूल्यांकन समय से पहले पूरा होने का पूरा श्रेय परीक्षकों को दिया है. कहा कि शिक्षकों ने पूरे मनोयोग से अपने दायित्व का निर्वहन किया है. साथ ही क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिव, स्टेटिक मजिस्ट्रेट और पर्यवेक्षकों ने भी पूरी सजगता बरती है.
सचिव ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं का त्रुटिरहित निरपेक्ष मूल्यांकन हो सके इसके लिए इस साल पहली बार मूल्यांकन में लगाए जाने वाले परीक्षकों का प्रशिक्षण क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर ऑडियो-वीडियो प्रेजेन्टेशन से कराया गया था. मूल्यांकन केन्द्रों पर शुचितापूर्ण मूल्यांकन के दृष्टिगत प्रत्येक मूल्यांकन केन्द्र पर प्रथम बार एक-एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट तथा प्रत्येक जनपद में स्थित सभी मूल्यांकन केन्द्रों के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले के डायट के प्राचार्य को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था. मूल्यांकन कार्य अनिवार्य रूप से वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी की निगरानी में कराया गया. अब रिजल्ट की घोषणा भी होगी.
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