आजादी के बाद कांग्रेस एक परिवार की संपत्ति बन गई: यूपी विधानसभा अध्‍यक्ष

भाषा

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उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने रविवार, 26 दिसंबर को कहा कि कांग्रेस आजादी तक एक लोकतांत्रिक संस्था हुआ करती थी, लेकिन स्वाधीनता के बाद जवाहरलाल नेहरू के दिनों से यह एक परिवार (गांधी-नेहरू) की ‘संपत्ति’ बन गई, जहां सत्ता दाखिल-खारिज (भूमि परिवर्तन) की तरह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित की जाने लगी.

विधानसभा अध्‍यक्ष ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में हाल ही में अमेठी में कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी के ‘हिंदू बनाम हिंदुत्व’ पर दिये गए बयान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष खुद इस अवधारणा को नहीं समझते हैं.

दीक्षित ने कहा, ”हिंदू और हिंदुत्व को लेकर जो बहस देश में चल रही है उस बहस में वह (राहुल) हिस्सा लेने पर उतारू हैं, लेकिन सही बात तो यह है कि जो हिंदू शब्द प्रचार में चला है उस पर बहुत पहले उच्चतम न्यायालय ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा था कि हिंदू एक जीवन पद्धति है, जीने की शैली है.”

उन्होंने कहा,” अब राहुल जी कहते हैं कि हिंदू अलग है, हिंदुत्व अलग है, वह कई तरह की व्याख्याएं ढूंढ़ने का प्रयास करते हैं, लेकिन हिंदू इस देश की पहचान है और इसमें भूसांस्कृतिक नाम भी है, इसमें एक देश विशेष की भूमि आती है और उस भूमि पर रहने वालों की संस्कृति आती है.”

उन्होंने दो टूक कहा,”अभी राहुल गांधी स्वयं ही हिंदू या हिंदुत्व समझ नहीं पाए हैं तो वह क्‍या समझाने का प्रयास करेंगे.”

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बता दें कि राहुल ने अमेठी में चुनाव हारने के लंबे समय बाद बीते दिनों अमेठी में अपनी पदयात्रा के दौरान हिन्दू और हिंदुत्ववादियों की अलग-अलग परिभाषा समझाते हुए कहा था, ‘‘एक तरफ हिंदू खड़े हैं जो सच्चाई की राह पर चलते हैं, नफरत नहीं फैलाते हैं. दूसरी तरफ हिंदुत्ववादी खड़े हैं जो नफरत फैलाते हैं और सत्ता छीनने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.”

राहुल ने कहा था, ”महात्मा गांधी हिंदू थे इसलिए उनको महात्मा कहा गया लेकिन नाथूराम गोडसे को कभी महात्मा नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह झूठ बोलता था, हिंसा फैलाता था, नफरत फैलाता था और उसने हिंदू महात्मा महात्मा गांधी के सीने में तीन गोलियां दाग दी थीं.”

राहुल ने कहा था,”हिंदू कभी रोता नहीं है लेकिन झूठ बोलने वाले हिंदुत्ववादी लोग रोते हैं. नाथूराम गोडसे को जब फांसी दी गई थी तो वह फफक…फफक कर रोया था. गांधी जी को तीन गोली लगी थी, लेकिन रोए नहीं थे, उन्होंने हे राम बोला था। ये होता है हिंदू.’

दीक्षित ने राहुल को नेहरू की प्रसिद्ध पुस्तक ‘डिस्कवरी फ इंडिया’ पढ़ने की सलाह दी. उन्होंने दावा किया कि विश्व प्रसिद्ध नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र के नेतृत्व का कोई मुकाबला नहीं है और किसी भी पार्टी के पास ऐसा व्यक्तित्व और नेतृत्व नहीं है.

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कांग्रेस को आजादी से पहले लोकतांत्रिक संगठन बताते हुए दीक्षित ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस पंडित जवाहर लाल नेहरू की संपत्ति बन गई और उनके बाद यह उनकी पुत्री इंदिरा गांधी के नाम दाखिल-खारिज हुई. फिर यह सिलसिला, राजीव गांधी से होते हुए सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक चल रहा है.

आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी के प्रभाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विधानसभा अध्‍यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो केवल परिवार के इर्द गिर्द घूमती है.

विधानसभा अध्‍यक्ष ने समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच हाल में हुए गठबंधन को परिवार के भीतर की घटना बताया और कहा कि इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए.

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में अपने पौने पांच साल के कार्यकाल को केंद्रित करते हुए, 75 वर्षीय बीजेपी नेता ने कहा कि वह सदन (विधानसभा) के प्रत्येक सदस्य और पार्टी के आभारी हैं, जिसने सदन चलाने में समर्थन दिया.

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