आजम खान को एक और मामले में मिली जमानत, क्या अभी जेल से बाहर आ पाएंगे?

संतोष शर्मा

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सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को एक और मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. बीते हफ्ते लखनऊ में दर्ज हुए एक केस में जमानत मिलने के बाद अब हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आजम खान को जल निगम भर्ती घोटाले में भी जमानत दे दी है.

अब आजम खान पर सिर्फ एक मामला शत्रु संपत्ति हथियाने का बचा है, जिस पर हाई कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है, फैसला आना बाकी है.

समाजवादी पार्टी की सरकार में नगर विकास मंत्री और उत्तर प्रदेश जल निगम भर्ती बोर्ड के चेयरमैन रहे आजम खान के कार्यकाल में हुए जूनियर इंजीनियर भर्ती ‘घोटाले’ के केस में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आजम खान को जमानत दे दी है.

आजम खान वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद हैं. 10 मार्च को आए चुनावी नतीजों में आजम खान ने अपनी रामपुर सीट से जीत हासिल की है. उन्होंने जेल से ही चुनाव लड़ा और रामपुर सदर से चुनाव जीत गए. रामपुर सदर सीट से आजम खान लगातार दसवीं बार चुनाव जीत चुके हैं.

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क्या था जल निगम भर्ती घोटाला

ये पूरा मामला अखिलेश यादव की सरकार में जल निगम की भर्तियों में घोटाले का है. उस वक्त आजम खान जल निगम के चेयरमैन थे, लिहाजा उनको इसमें आरोपी बनाया गया था. यूपी जल निगम में 122 सहायक अभियंता 853, अवर अभियंता 335, क्लर्क 32, आशुलिपिक समेत 1342 पदों पर भर्तियां हुई थीं. इन्हीं भर्तियों को लेकर घोटाले का आरोप लगा.

मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार आई तो इस मामले में जांच के आदेश दिए गए और 122 भर्ती हुए अभियंताओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

एसआईटी ने इस मामले में 25 अप्रैल 2018 को एफआईआर दर्ज कराई. एफआईआर में जल निगम के चेयरमैन रहे आजम खान के साथ गिरीश चंद श्रीवास्तव, विश्वजीत सिंह, नीरज मलिक, अजय यादव, संतोष रस्तोगी, रोमन फर्नांडीस और कुलदीप सिंह नेगी नामजद किए गए.

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एसआईटी जांच के दौरान पता चला कि चहेतों को नौकरी देने के लिए भर्ती के सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया. ऐसे में लिखित परीक्षा से लेकर इंटरव्यू में तक मनमाने ढंग से नंबर दिए गए.

एसआईटी को जांच के दौरान तमाम सुबूत मिले जो तत्कालीन अधिकारियों की कार्यप्रणाली बता रहे थे. नियमतः लिखित परीक्षा के बाद वेबसाइट पर आंसर की अपलोड की जाती है. जल निगम ने इसके लिए मुंबई की कंपनी से एग्रीमेंट भी किया लेकिन कंपनी ने आंसर की अपलोड नहीं की.

एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि कंपनी ने जेई मेंस और जेई एडवांस या गेट में जो परीक्षा प्रक्रिया अपनाई जाती है उन प्रक्रियाओं को नहीं अपनाया. इससे लिखित परीक्षा पर सवाल खड़े होते हैं लिपिक परीक्षा में 106770 अभ्यर्थियों ने भाग लिया जिनमें से सिर्फ 335 पास हुए.

जांच में एसआईटी को शक हुआ कि जिस उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन हुआ वह अभ्यर्थी की वास्तविक है या नहीं इसकी पुष्टि भी नहीं की जा सकती. फिलहाल एसआईटी ने इस मामले में धोखाधड़ी, षड्यंत्र, फर्जी दस्तावेज तैयार करना और सबूत मिटाने की धाराओं चार्जशीट दाखिल कर दी थी.

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आजम खान की तरफ से हाई कोर्ट के वकील इमरान उल्लाह खान की मानें तो हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद आजम खान को सुनवाई के बाद जमानत दे दी है. अब सिर्फ एक मामले में जमानत मिलना बाकी है.

रिहाई के लिए एक और मामले में जमानत बाकी

2 सालों से रामपुर सीतापुर जेल में बंद आजम खान पर अब सिर्फ एक मामला ‘शत्रु संपत्ति कब्जा कर जौहर विश्वविद्यालय में मिलाने’ का बाकी रह गया है. एमपी-एमएलए कोर्ट से अगस्त 2021 में जमानत याचिका खारिज होने के बाद आजम खान की तरफ से लखनऊ हाई कोर्ट बेंच में जमानत डाली गई थी जिस पर बहस पूरी हो चुकी है, बस निर्णय आना बाकी है.

बता दें कि साल 2019 में आजम खान पर शत्रु संपत्ति कब्जा कर जौहर विश्वविद्यालय में मिलाने के आरोप में रामपुर के अजीम नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस मामले में पुलिस ने आजम खान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

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