फरवरी माह में ही बढ़ते तापमान को देख किसानों की टेंशन बढ़ी, गेहूं उत्पादक चिंतित

संदीप सैनी

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इस बार फरवरी महीने में ही बढ़ते तापमान को देखते हुए किसानों की समस्या बढ़ गई है, क्योंकि माना जा रहा है कि जिस तरह से लगातार फरवरी माह में ही टेंपरेचर बढ़ रहा है उससे गेहूं की पैदावार में खासा गिरावट आ सकती है.

किसान गन्ने की फसल को लेकर पहले से ही परेशान हैं, क्योंकि इस बार एक तो गन्ने का दाम नहीं बढ़ पाया है तो वहीं दूसरा गन्ने में लगने वाले कीड़े ने फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है. जिसके बाद अब गेहूं की फसल की समस्या भी किसानों के सामने आकर खड़ी हो गई है.

होली से पहले इस बढ़ते टेंपरेचर को देखते हुए किसानों का कहना है कि जहां एक बीघा खेत से लगभग 3 कुंटल गेहूं की पैदावार हो जाती थी, जो इस बार आधा ही रह जाने की उम्मीद है.

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लगातार इस बढ़ते टेंपरेचर के बारे में जानकारी देते हुए मुजफ्फरनगर के मौसम अधिकारी पान सिंह ने बताया कि इस बार मौसम विभाग भी कह रहा है कि कई स्टेट में टेंपरेचर 4 से 5 डिग्री ज्यादा चल रहा है. टेंपरेचर के जल्दी आने से और तेज हवाएं भी चल रही हैं, जो लू का रूप ले ले लेंगी. उन्होंने कहा कि गेहूं के लिए हमें मौसम ठंडा चाहिए, इसलिए गर्मी जल्दी आने से गेहूं की पैदावार में निश्चित रूप से गिरावट आएगी.

किसानों ने क्या कहा?

किसान गुलाब सिंह का कहना है कि फसल पर काफी प्रभाव रहेगा गर्मी का.  बारिश भी नहीं पड़ी. इस बार कम से कम 30-40 परसेंट का गेहूं की फसल का नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि मंडी जल्द खुलने चाहिए, गर्मी बढ़ने से नुकसान हो रहा है. गन्ने की स्थिति भी बेकार है. इसमें इस बार तोड़ा गया था, जो दवाई गिरने पर भी नहीं रुका. इसमें भी अबकी बार काफी नुकसान है, इसलिए गन्ने का भाव बढ़ना चाहिए.

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किसान बालेंद्र चौधरी ने बताया कि गेहूं की फसल तो लगभग बर्बादी के कगार पर है. बहुत नुकसान है. किसान को गर्मी में गेहूं की फसल बैठ जाती है. जो एक बीघे में 3 कुंटल गेहूं का निकलना था वो डेढ़ कुंटल निकलेगा. किसान को 50 फीसदी नुकसान होगा. अगर सर्दी होती इन दिनों तो गेहूं बढ़ता, लेकिन गर्मी होने के कारण वह छोटा रह जाएगा. जिसकी मात्रा कम हो जाएगी और गेहूं आधा रह जाएगा.

उन्होंने कहा कि गर्मी में गन्ने को भी नुकसान है. गन्ने में एक कीड़ा बहुत लग रहा है. किसान हर तरफ से बर्बाद हो रहा है. गन्ने के हर पौधे में कीड़ा है. किसान मजबूर हो गया है उसे काटने के लिए. गर्मी की वजह से गन्ने की पैदावार भी किसानों की आधी रह जाएगी. जल्दी गर्मी आने की वजह से किसानों को नुकसान है. एकदम अचानक गर्मी आने से गेहूं और गन्ने का संतुलन खराब हो गया.

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वहीं, किसान नवाब हैदर की मानें तो गेहूं की पैदावार पर 30-40 फीसदी का प्रभाव पड़ा है. इस बार सर्दियों में बरसात नहीं हुई. इससे काफी फसल पर प्रभाव पड़ा है. गेहूं में भी, सरसों में भी गन्ने की स्थिति बहुत खराब है. कीटनाशक दवा बहुत डाली है, लेकिन फसलों पर कीड़ा लगना नहीं रुक रहे हैं.

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