बहराइच में इन 4 मुस्लिम महिलाओं ने रो-रोकर सुनाई पूरी दास्तां, इनके दर्द की वजह क्या है?
बहराइच में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा ने समाज में बड़े गहरे जख्म छोड़ दिए हैं. ऐसे जख्म जिनकी टीस को दूर होने में शायद वक्त लगे. इस हिंसा से प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. गुरुवार को पुलिस ने यहां हिंसा के दौरान रामगोपाल मिश्रा नाम के शख्स की हत्या के 5 आरोपियों को एनकाउंटर के बाद अरेस्ट किया है.
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Bahraich News: बहराइच में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा ने समाज में बड़े गहरे जख्म छोड़ दिए हैं. ऐसे जख्म जिनकी टीस को दूर होने में शायद वक्त लगे. इस हिंसा से प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. गुरुवार को पुलिस ने यहां हिंसा के दौरान रामगोपाल मिश्रा नाम के शख्स की हत्या के 5 आरोपियों को एनकाउंटर के बाद अरेस्ट किया है. पुलिस के इस एनकाउंटर पर भी सवाल उठ रहे हैं. समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया है कि बहराइच में हिंसा जानबूझकर कराई गई घटना लगती है. अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी डिवाइड एंड रूल यानी बांटो और राज करो की नीति पर काम कर रही है. इस बीच यूपी Tak के रिपोर्टर बहराइच में ग्राउंड में मौजूद हैं. आइए आपको ऐसी ही एक ग्राउंड रिपोर्ट दिखाते हैं, जहां महिलाएं अपना दर्द सुनाती नजर आईं.
आपको बता दें कि बहराइच जिले की महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे में पिछले रविवार को दुर्गा पूजा पर विसर्जन जुलूस के दौरान एक प्रार्थना स्थल के बाहर कथित तौर पर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में राम गोपाल मिश्रा (22) की गोली लगने से मौत हो गई. इस घटना के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी हुई. भीड़ ने मकानों, दुकानों, शोरूम, अस्पतालों और वाहनों में आग लगा दी थी. यूपी Tak की टीम जब महाराजगंज पहुंची, तो कुछ मुस्लिम महिलाओं ने अपना दर्द सुनाया.
ये मुस्लिम महिलाएं काफी डरी हुई नजर आईं. खासकर अपने मासूम बच्चों के लिए. ये मुस्लिम परिवार डरकर यहां पलायन करना चाहते हैं. वैसे तो बहराइच में अब शांति है लेकिन माहौल में पैदा तनाव इनके अंदर डर पैदा कर रहा है कि कहीं हिंसा फिर से भड़क न जाए.
इनका आरोप है कि पुलिस इन्हें अभी घर से निकलने नहीं दे रही है. लगातार छापेमारी की जा रही है. इनको इस बात का भी डर सताता रह रहा है कि कहीं उपद्रवी फिर न पहुंच जाएं. इन महिलाओं के घरों में भी हिंसा के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी हुई है. इनका कहना है कि ये चाहती हैं कि इन्हें इस इलाके को छोड़कर अपने रिश्तेदारों के घर जाने की इजाजत मिल जाए. हालात इतने खराब हैं कि यहां खान-पान और रसद का अभाव भी होने लगा है.
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