केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई 10 नवंबर तक टली

भाषा

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने वर्ष 2000 में लखीमपुरी खीरी में हुए प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) उर्फ टेनी को बरी करने के निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर अपील पर सुनवाई सोमवार को 10 नवंबर तक के लिए टाल दी.

न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेणु अग्रवाल की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा 2004 में दायर अपील पर यह आदेश पारित किया. पीड़ित पक्ष की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश द्वारा पहले ही सुनवाई तेज कर दी गई है.

सुनवाई के दौरान टेनी के वकील एल.पी. मिश्रा ने पीठ को बताया कि टेनी ने मामले की सुनवाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ को स्थानांतरित करने की मांग की थी, लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने 24 अगस्त 2022 को याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और इसलिए उन्होंने उच्चतम न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है, जो अभी लम्बित है लिहाजा उसके निपटारे तक उच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई को स्थगित कर दिया जाना चाहिए.

दूसरी ओर, पीड़िता के वकील एस.के. सिंह ने पीठ से कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से भी उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है और इसे 14 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन उस पर विचार नहीं किया जा सका और इसकी संभावना है कि इसे भी टेनी की विशेष अनुमति याचिका के साथ ही एक सप्ताह के अन्दर सुना जाए.

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इस पर पीठ ने मामले की सुनवाई के लिये 10 नवंबर की तारीख तय की है. गौरतलब है कि कि लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रनेता रहे प्रभात गुप्ता की आठ जुलाई 2000 को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

इसमें अजय मिश्र टेनी समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था। लखीमपुर की एक अदालत ने 29 मार्च 2004 को टेनी को दोषमुक्त कर दिया था। इसके खिलाफ मृतक के पिता संतोष गुप्ता ने उच्‍च न्‍यायालय में याचिका दाखिल कर जिला न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी.

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