चलती ट्रेन में 4 को गोली मारने वाले हाथरस के RPF कॉन्स्टेबल को लेकर आया बड़ा अपडेट, घर वालों ने ये बताया
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कॉन्स्टेबल ने सोमवार को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास एक चलती ट्रेन में 4 लोगों की गोली…
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रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कॉन्स्टेबल ने सोमवार को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास एक चलती ट्रेन में 4 लोगों की गोली मारकर कथित तौर पर हत्या कर दी. आरोपी सिपाही यूपी के हाथरस के मीतई गांव का रहने वाला है. वह गुजरात आरपीएफ में पोस्टेड है.
वहीं, हाथरस जिले के गांव मीतई में रहने वाले ताऊ ओमकार सिंह ने बताया कि चेतन के पिता भी आरपीएफ में नौकरी करते थे, जिनकी मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे में उनकी जगह पर नौकरी मिली थी. ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर उसका अपने स्टाफ के साथ विवाद चल रहा था. जिसके कारण वह मानसिक रूप से परेशान था. परिजनों के द्वारा उसका इलाज भी कराया जा रहा था.
जब इस बात की जानकारी उसके पैतृक गांव मीतई में पहुंची तो उसके घर पर गांव के लोगों का तांता लग गया और सभी लोग इस घटना से हतप्रभ नजर आए.
हिरासत में आरोपी सिपाही
मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी कॉन्स्टेबल को हथियार समेत हिरासत में ले लिया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी आरपीएफ जवान मानसिक रूप से परेशान है.
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पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, कॉन्स्टेबल चेतन कुमार चौधरी ने अपने स्वचालित हथियार से सोमवार को तड़के करीब पांच बजे जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में सवार आरपीएफ के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) और तीन अन्य यात्रियों को गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई.
एएसआई को पहले मारी गोली
उन्होंने बताया कि अपने वरिष्ठ अधिकारी (एएसआई) को गोली मारने के बाद कॉन्स्टेबल एक अन्य बोगी में गया और उसने तीन यात्रियों को गोली मार दी. अधिकारी के अनुसार, आरोपी ने मीरा रोड और दहिसर के बीच ट्रेन से भागने की कोशिश की, लेकिन राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों ने उसे पकड़ लिया और उसका हथियार भी जब्त कर लिया. उन्होंने बताया कि बोरीवली रेलवे स्टेशन पर शवों को ट्रेन से बाहर निकाला गया.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कॉन्स्टेबल चौधरी समेत आरपीएफ के चार कर्मी सोमवार को गुजरात में सूरत स्टेशन से रवाना हुई जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में पहरा दे रहे थे. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे एक दिन पहले उन्होंने दादर-पोरबंदर-सौराष्ट्र एक्सप्रेस में सूरत स्टेशन तक पहरा दिया था. वापसी पर वे जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे.
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आरोपी कॉन्स्टेबल यहां लोअर परेल आरपीएफ चौकी में तैनात था, जबकि एएसआई टीका राम मीणा दादर आरपीएफ चौकी में तैनात था. जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस रविवार दोपहर दो बजकर एक मिनट पर राजस्थान में जयपुर स्टेशन से रवाना हुई और सूरत स्टेशन पहुंची, जहां सुरक्षा दल देर रात करीब दो बजकर 47 मिनट पर ट्रेन में चढ़ा.
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आधिकारिक सूचना के अनुसार, सोमवार सुबह 6 बजकर 21 मिनट पर मुंबई में बोरीवली स्टेशन पर पहुंचने से पहले ट्रेन गुजरात के वापी में रुकी, जहां से वह एक मिनट की देरी से चार बजकर आठ मिनट पर रवाना हुई.
ठाकुर ने बताया कि दहीसर स्टेशन के समीप ट्रेन की चेन खींचीं गई, जहां आरोपी कॉन्स्टेबल उतरा और भाग गया लेकिन उसे मीरा रोड पर पकड़ लिया गया. ट्रेन को जंजीर खींचे जाने के बादकरीब एक घंटे तक सुबह 6 बजकर 21 मिनट से सवा सात बजे तक बोरीवली स्टेशन पर रोका गया और उसके बाद वह रवाना हुई और करीब एक घंटे 12 मिनट की देरी से सुबह आठ बजकर सात मिनट पर अपने गंतव्य मुंबई सेंट्रल स्टेशन पहुंची.
पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतक एएसआई मीणा के परिजनों के लिए 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है. पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने बताया कि मीणा के परिजनों को रेलवे सुरक्षा कल्याण निधि से 15 लाख रुपये दिए जाएंगे और इसके अलावा अंतिम संस्कार के खर्च के लिए 20,000 रुपये दिए जाएंगे. अन्य तीन मृतकों के परिवार के लिए मुआवजे के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने बताया कि उन्हें भी अनुग्रह राशि दी जाएगी.
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(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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