यूपी: सरकार का दावा- खाद संकट नहीं, पर सच क्या है, 16 जिलों की ग्राउंड रिपोर्ट में देखिए

कुमार अभिषेक

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एक तरफ जहां कृषि कानून को लेकर पिछले कई महीनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है. हालांकि प्रदेश सरकार खाद की कमी होने से इंकार कर रही है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पिछले दिनों दावा किया था कि यूपी में यूरिया, डीएपी की कोई कमी नहीं है. जिलों से जैसी मांग आई, उन्हें उपलब्ध कराया गया है. पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है.

खाद न मिलने की वजह से सूबे के अन्नदाता काफी परेशान हैं. हालात ऐसे हैं कई कई दिनों तक लाइन में लगने के बाद भी किसानों को जरूरत के मुताबिक खाद मुहैया नहीं हो पा रही है. हाल ही में बुंदेलखंड के ललितपुर में खाद के लिए लाइन में लगे एक किसान की मौत भी हो चुकी है. इसके बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से गहमागहमी का दौर है. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ललितपुर जाकर मृतक किसान के परिजनों से मुलाकात भी की है.

इटावा, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, एटा, बांदा, मैनपुरी, कन्नौज, हमीरपुर, ललितपुर और हाथरस सहित तमाम जिलों में खाद के लिए किसान दर-दर भटक रहे हैं. खाद न मिलने की वजह से एक तरफ जहां फसलों की बुआई में देरी हो रही है.वहीं उनकी पहले से उगाई गई फसलों का नुकसान हो रहा है. यूपी तक की टीम ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग 16 जिलों में खाद की किल्लत को लेकर बने हुए हालात का जायजा लिया. पढ़िए ये खास रिपोर्ट:

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एटा में खाद के लिए चक्कर काट रहे किसान

एटा में यूरिया डीएपी खाद की किल्लत से किसान चक्कर काटने को मजबूर हैं. एटा मंडी के इफको किसान सेवा केंद्र पर खाद की सप्लाई कम होने के कारण किसानों की लंबी-लंबी लाइन लग जाती है. किसानों का आरोप है कि पिछले 15 दिन पहले तो खाद की जबर्दस्त किल्लत थी. हालांकि स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन अभी भी खाद किसानों को आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही है. किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि खाद की किल्लत को जल्द से जल्द दूर की जाए.जिससे रबी की फसल की बुआई हो सके.

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पीलीभीत में नही मिल रही खाद, किसान परेशान

इन दिनों खाद की किल्लत से पीलीभीत के किसान काफी परेशान हैं. गेहूं रोपाई करने के लिए अब तक जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल रही है. सहकारी समितियों पर दो दिन लगातार खाद का वितरण किया गया, लेकिन छोटे किसानों को खाद नहीं मिल सकी. किसान सेवा केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं. आरोप हैं कि खाद का स्टॉक होने के बावजूद भी किसानों को खाद नहीं दी जा रही है. इससे गुस्साए किसानों ने एकत्र होकर प्रदर्शन कर खाद दिलाने की मांग की है. जिलाधिकारी पुलकित खरे का कहना है कि DAP की बड़ी खेप एक-दो दिनों में आ जाएगी. उनका दावा है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. हालांकि जमीनी स्तर पर हालात यह है कि किसानों को खाद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.

हाथरस में खाद की किल्लत से बुआई प्रभावित

गेहूं-आलू-सरसों की फसल बोने के लिए हो रही खाद की किल्लत से यूपी के हाथरस जिले में भी किसान बहुत परेशान हैं. यहां सादाबाद क्षेत्र में किसानों ने खाद के लिए कृभको केंद्र पर हंगामा भी काटा है. दरअसल इस केंद्र पर खाद लेने आए किसानों का आरोप है कि यहां डीएपी खाद के वितरण में घपला हो रहा था. हंगामे की सूचना पर पुलिस फ़ोर्स के साथ एसडीएम अंजलि गंगवार पंहुचीं. इसके बाद पुलिस ने किसानों को कतार में लगवाकर खाद का वितरण कराया. किसानों और पुलिस में काफी नोंकझोंक भी हुई. उधर जिले के हसायन क्षेत्र के किसानों की शिकायत है कि उन्हें भी खाद नहीं मिल रहा है. यहां किसान कई-कई दिन से सहकारी समिति के कार्यालय पर चक्कर काट रहे है. समिति के सचिव का कहना है कि एकाध दिन में ही खाद समिति पर आ जाएगी.

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फिरोजाबाद में डीएपी न मिलने से किसानों को हो रही दिक्कत

फिरोजाबाद में भी डीएपी की भारी किल्लत है. जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें, जल्दी ही डीएपी उपलब्ध हो जाएगी. साधन सहकारी समिति मठसेना केंद्र पर डीएपी खाद ना मिलने की वजह से किसान परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि खाद 1 दिन आई और रातों-रात बंट गई. समाजवादी पार्टी के एमएलसी दिलीप यादव और जिला अध्यक्ष रमेश चंद चंचल के नेतृत्व में साधन सहकारी समिति के सामने कार्यकर्ता और नेताओं ने धरना प्रदर्शन भी किया है. उन्होंने कालाबजारी का आरोप लगा शिकायत दर्ज कराने की बात कही है. साथ ही, चेतावनी भी दी है कि अगर फिर भी किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो फिर सिविल लाइन परिसर में बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

फर्रुखाबाद में आलू के किसान बेहाल

आलू की फसल के लिए खेतों को तैयार करने का समय है लेकिन किसान के सामने सबसे बडी समस्या खाद आपूर्ति की है. किसान को समय पर एनपीके खाद उपलब्ध नही हो पा रही. पीसीएफ के गोदामों पर खाद का भंडार है, लेकिन खाद क्रय केंद्रों तक समय से नहीं पहुच रही है. उर्वरक केंद्रों पर आए किसानों ने बताया कि इस समय खेतों में आलू बुवाई का समय है, लेकिन खाद टाइम से नहीं मिल रही. इस वजह से फसल बुवाई में देरी हो रही है. वहीं केंद्र संचालकों का कहना है कि हमको गोदाम से जितना स्टॉक मिल पा रहा है, वह हम दिन प्रति दिन बांट रहे हैं. गोदाम से स्टॉक आने में देरी हो रही है जिस कारण से किसानों को खाद के लिए दिक्कत पैदा हो रही है. हालांकि आला अधिकारियों की कड़ाई के बाद खाद गोदामो से केंद्रों तक भेजने में तेज़ी आई है.

ललितपुर में बरकरार है खाद की किल्लत

बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में पिछले 10 दिनों से अधिक समय से खाद को लेकर किसान परेशान हैं. हजारों किसानों द्वारा लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन और हंगामा किया गया है. वहीं जिले के 4 किसानों की कथित तौर पर खाद की किल्लत से जूझते हुए मौत होने का दावा भी किया जा रहा है. जिले में खाद की कालाबाजारी और खाद न मिलने की समस्या को लेकर किसानों द्वारा लगातार आलाधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. बीजेपी के स्थानीय विधायक और श्रम राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ की भी नींद तब टूटी जब किसानों ने सड़कों पर उतरकर हंगामा शुरू कर दिया था. खाद की समस्या को देखकर शासन द्वारा खाद की तीन रैक जिले में भेजी गई. अब काफी समय निकल जाने के बाद खाद की समस्या कुछ हद तक ठीक हुई है. लेकिन किसानों को खाद मिलने में अभी भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

खाद की किल्लत से इटावा में भी परेशानी, धरने पर किसान

डीएपी यूरिया की उपलब्धता न होने से इटावा में भी किसान चक्कर काट रहे हैं. इटावा नई मंडी के इफको किसान सेवा केंद्र पर खाद उपलब्ध नहीं है. किसानों का आरोप है कि पिछले 8 दिन से खाद ना होने की वजह से फसलों का नुकसान हो रहा है. आलू की बुआई नहीं हो पा रही है. सरसों, गेहूं, लहसुन की खेती को नुकसान हो रहा है. दूर-दराज से आए किसान खाद न मिलने की वजह से मायूस हो गए और धरने पर बैठ गए. उनका कहना है कि खाद नहीं मिलेगी तो हमारे खेतों पर बुआई कैसे हो पाएगी, जिसको 30 बोरी की जरूरत है खाद की, उसको एक बोरी भी उपलब्ध नहीं है. वहीं विक्रय केंद्र के सहायक प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले तक खाद बांटी गई है. अब खाद खत्म हो गई है. जैसे ही खाद की रैक आएगी वैसे ही तुरंत बांटी जाएगी.

उन्नाव में खाद के लिए दर-दर भटक रहे हैं किसान

फसल बुआई का टाइम आ चुका है लेकिन उन्नाव में किसान डीएपी को लेकर दर-दर भटक रहा है. हालांकि सरकार खाद की उपलब्धता को लेकर दावा तो कर रही है, लेकिन समितियों के हालात कुछ और ही सच्चाई बयां कर रहे हैं. गोदाम डीएपी से खाली पड़े हैं. किसान बाजार से ज्यादा कीमत देकर डीएपी खरीदने को मजबूर है. विभागीय लोगों को कहना है कि दीपावली तक डीएपी का संकट ऐसे ही बना रहेगा.

कन्नौज में खाद के संकट से जूझ रहे किसान

कन्नौज जिले में बारिश के बाद किसानों ने खेतों में आलू व सरसों की बुआई फिर शुरू कर दी है. बार-बार बारिश से खराब हो चुकी फसल के बाद किसान एक बार फिर बीज खरीद कर खेतों में जुटे हैं. किसानों को अब डीएपी व एनपीके की जरूरत है. किसान समतियों पर दौड़ लगा रहे हैं पर खाद बड़ी मुश्किल से मिल रही है. खाद स्टॉक में ही नहीं है, जबकि निजी दुकानों पर डीएपी 1300 से 1500 रुपए में बेची जा रही है.

मैनपुरी में ब्लैक में डीएपी खरीदने को मजबूर किसान

मैनपुरी में भी किसान खाद की किल्लत से जूझ रहा है. यहां किसानों ने बताया कि DAP मिल नही रही है और मिल भी रही तो ब्लैक में. NPK के साथ और भी चीजें दी जा रही हैं. हालांकि जिलाधिकारी मैनपुरी की मानें तो जनपद में खाद की किल्लत नही है. उनके मुताबिक जनपद में 1350 मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक निजी उर्वरक विक्रेताओं के केंद्र पर उपलब्ध हो गई है. 1500 मीट्रिक टन डीएपी की खेप और आ रही है.

जालौन में खाद की कमी से किसानों की चिंता बढ़ी

जालौन में खाद की किल्लत को लेकर किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खाद बिक्री केंद्रों पर किसान चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है. किसानों का आरोप है कि खाद के वितरण में भेदभाव किया जा रहा है. रात भर जागकर लाइन में लगे रहते हैं, लेकिन सुबह खाद खत्म हो जाती है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि समिति द्वारा गांव में खाद को उपलब्ध कराने में भेदभाव किया जा रहा है. कर्मचारी अपने चहेतों तो खाद उपलब्ध करा देते हैं. सहकारी समिति खाद वितरण केंद्र पर भी डीएपी के मामले को लेकर किसानों और विभागीय अधिकारियों के बीच नोकझोंक हुई. डीएम जालौन प्रियंका निरंजन बताया है कि जनपद में 20 हज़ार मीट्रिक टन खाद ज़रूरत है, जिसके एवज में हम 13 हजार मीट्रिक टन वितरित कर चुके हैं. बची हुई 7 हज़ार मीट्रिक टन खाद जल्द ही किसानों को उपलब्ध करा दी जाएगी.

रायबरेली में भी खाद का संकट

रायबरेली में भी किसानों को खाद की समस्या झेलनी पड़ रही है. धान की फसल के दौरान भी किसानों को ब्लैक में डीएपी खरीदनी पड़ रही थी. अब नवंबर के महीने में यह समस्या और बढ़ जाएगी. कहने के लिए तो सहकारी समितियों में खाद भरी है, लेकिन खाद खरीदने के लिए किसान दर-दर भटक रहे हैं और निजी दुकानदार अपने हिसाब से बिक्री कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो समय से बुआई नहीं हो पाएगी. समय से खाद न मिलने से गेहूं की बुवाई पर प्रभाव पड़ेगा.

बांदा में खाद के लिए किसानों की लंबी लाइन

यूपी के बांदा में ‘अन्नदाता’ ही खाद के लिए परेशान हैं. सुबह से उम्मीद लेकर लंबी लाइन लगाने को मजबूर हैं. कुछ दिन पूर्व हुई बारिश से खेतों में नमी आने से रबी की फसल बुआई के लिए किसानों को डीएपी (DAP) की जरूरत होती है, लेकिन एक हफ्ते से रोजाना चक्कर लगा रहे किसानों को खाद नही मिल पा रही. किसानों का आरोप है कि एक हफ्ते से कागज जमा करने के बाद भी अभी तक तक खाद नहीं मिली है. किसानों ने अब हंगामा भी शुरू कर दिया है. जिले में पैलानी, बबेरू व कमासिन में ज्यादातर किसान परेशान हैं. जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि खाद की बिल्कुल समस्या नही है, पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है और रैक मंगवाने का ऑर्डर शासन को भेज दिया गया है.

महोबा और हमीरपुर में खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान

बुंदेलखंड के हमीरपुर और महोबा जिलो में खाद के लिए जबर्दस्त मारा-मारी मची हुई है. इस इलाके में किसान सुबह से ही खाद लेने के लिए लाइन में लग जाते हैं और शाम को खाद ना मिलने से मायूस हो कर वापस लौट जा रहे हैं. इसी से नाराज होकर किसानों ने महोबा और हमीरपुर जिलों में हाइवे में जाम लगा दिया था. तब महोबा में एसडीएम सदर राकेश कुमार ने मौके पर पहुच कर खाद दिलवाने के आश्वासन दे कर जाम खुलवाया. हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बे में भी खाद ना मिलने से परेशान किसानों ने नेशनल हाइवे में जाम लगा दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया. हमीरपुर जिले में खाद की भारी किल्लत को देखते हुये बांदा के मंडल आयुक्त दिनेश कुमार सिंह ने भी हमीरपुर का दौरा कर किसानों को खाद उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए पर खाद वितरण में कोई सुधार नही आया है.

चित्रकूट में खाद न मिलने से किसान बेहाल

चित्रकूट के किसान इन दिनों जिले में खाद की अनउपलब्धता की वजह से खासे परेशान हैं. जिले के किसी भी खाद विक्रय केंद्र में डीएपी उपलब्ध नहीं है और किसान केंद्रों के चक्कर काट-काट कर थक चुके हैं. केंद्र संचालकों ने डीएपी उपलब्ध नहीं है कि नोटिस चस्पा कर रखी है. किसानों का कहना है कि वे चना और मसूर की बुआई नहीं कर पा रहे हैं और समय निकलता जा रहा है. अगर कुछ दिन और बुआई नहीं हुई तो उसके बाद की गई बुआई से अच्छी पैदावार नहीं मिलेगी.

(एटा से देवेश, पीलीभीत से सौरभ, हाथरस से राजेश, फिरोजाबाद से सुधीर, फर्रुखाबाद से फ़िरोज़, ललितपुर से मनीष, इटावा से अमित, उन्नाव से विशाल, कन्नौज से नीरज, मैनपुरी से पुष्पेंद्र, जालौन से अलीम, रायबरेली से शैलेन्द्र, बांदा से सिंद्धार्थ, चित्रकूट से संतोष बंसल और हमीरपुर से नाहिद अंसारी के इनपुट के साथ).

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