उन्नाव: बिना वैक्सीन के सर्टिफिकेट, 3000 से अधिक डोज खुले में! UP वैक्सीनेशन डेटा पर सवाल

अभिषेक मिश्रा

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कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में यूपी सरकार भले ही बेहतरीन प्रबंधन के दावे कर रही है, लेकिन उन्नाव में वैक्सीनेशन को लेकर हुए स्कैम ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्नाव के मियागंज में एक सीएचसी पर बिना वैक्सीनेशन ही लोगों को सेकंड डोज के मैसेज और सर्टिफिकेट तो जारी हुए ही, 3000 से अधिक वैक्सीन की डोज भी शीतगृह के बाहर प्राइवेट स्टाफ के आवास से सीएचसी में लाते पकड़ी गईं. ऐसे भी आरोप सामने आए हैं कि जब वैक्सीन की डोज बाहर मिलीं, तो फर्जी रजिस्ट्रेशन की भी कोशिश की गई. ऐसे में यूपी में भी चल रही वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए हैं कि ऐसी गड़बड़ी दूसरी जगहों पर अगर हुई तो इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं.

लोगों को जब मैसेज पहुंचे तब हुआ खुलासा

उन्नाव के मियागंज सीएचसी पर चल रहे वैक्सीन के फर्जीवाड़े की जानकारी तब मिली जब लोगों को बिना वैक्सीन लगे मैसेज पहुंचने लगे. लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो स्वास्थ्य विभाग ने पहले तकनीकी समस्या कहकर सबकुछ ठीक होने की बात कही. पर इसके अगले ही दिन 3000 से अधिक वैक्सीन डोज एक प्राइवेट कर्मचारी के घर से स्वास्थ्य केंद्र पर आते हुए पकड़ी गईं. गंभीर सवाल यह खड़ा हुआ कि आखिर कोल्ड स्टोरेज से बाहर वैक्सीन कैसे गईं? फर्जी वैक्सीनेशन की शिकायत पर सीएमओ ने छापेमारी का दावा कर इसे गलत ठहरा दिया, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मियागंज मे संदिग्ध परिस्थितियों मे लगभग 3000 डोज वैक्सीन प्राइवेट कर्मचारी के आवास पर राखी मिली, तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में अधिकारियों ने वैक्सीन के डोज अंदर रखवाए. मौके पर पहुंचे एसडीएम हसनगंज रामदत्त राम व सफीपुर विधायक बम्बालाल दिवाकर ने अधिकारियों से इस संबंध में पूछताछ की, तो सीएचसी अधीक्षक जवाब नहीं दे सके.

सीएचसी अधिकारी पर फर्जीवाड़े के आरोप

इस पूरे मामले में सीएचसी कोल्डरूम प्रभारी, इम्युनाइजेशन अधिकारी संगीता पटेल के आरोप काफी गंभीर हैं. उन्होंने यूपी तक को बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी आफताब अहमद फर्जी काम करने का दबाव बनाते थे. संगीता के मुताबिक आफताब ने उनसे पोर्टल और रजिस्टर पर फर्जी एंट्री करवाई. संगीता ने बताया कि वैक्सीन जो बाहर पकड़ी गई उसे अधीक्षक ने ही प्राइवेट स्टाफ रानी के घर रखवाई थी.

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स्टोर हेल्पर रानी ने बताया कि वह सिर्फ अधीक्षक के आदेश का पालन कर रही थीं. उन्हें नहीं पता कि इन वैक्सीन का क्या होना था. यूपी तक ने जब इस संबंध में मियागंज सीएचसी अधीक्षक से संपर्क करने की कोशिश की, तो वह केंद्र छोड़कर चले गए. उनका कमरा बंद पाया गया. उनके दोनों नंबर ऑफ आ रहे थे.

फर्जी वैक्सीनेशन की केस स्टडी

42 साल के उमेश चंद्र को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज 7 नवंबर को लगनी थी. उनके केंद्र पर पहुंचने से पहले मोबाइल पर मैसेज आ गया कि उनका दूसरा डोज लग गया है. इसी तरह 26 साल के राजेश कनोजिया ने भी 7 नवंबर के लिए अपॉइंटमें बुक किया था लेकिन उनके साथ भी यही हुआ कि बिना वैक्सीन लगवाए ही मैसेज आ गया. सीएचसी पर इन्हें तकनीकी समस्या को इसकी वजह बताया गया लेकिन बाद में जब बड़े पैमाने पर वैक्सीन मिली हैं, तो इन्हें समझ में आ रहा है कि ऐसा क्यों हुआ होगा.

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इसी तरह भूपतिखेड़ा की रहने वाली पूनम भी दूसरे डोज के लिए परेशान हैं. बिना दूसरा डोज लगे उन्हें भी कंप्लीट वैक्सीनेशन का मैसेज और सर्टिफिकेट दोनों आ गया है. सीएचसी ने उन्हें जिला अस्पताल से संपर्क करने की सलाह दी है.

क्या कहते हैं सफीपुर से बीजेपी के विधायक

सफीपुर से बीजेपी के विधायक बम्बालाल दिवाकर ने यूपी तक को बताया कि लोगों ने उनसे शिकायत की थी कि बिना वैक्सीन लगाए ही मैसेज आ रहे हैं. इसके बाद इसका संज्ञान लिया गया और डीएस से बात की गई. वैक्सीन ले जाने का वीडियो वायरल होने पर विधायक ने इसकी शिकायत भी उच्चाधिकारियों से की है.

अबतक क्या हुई कार्रवाई?

फौरी तौर पर यहां एक हल्की कार्रवाई कर दी गई है. उन्नाव के सीएमओ डॉक्टर सत्यप्रकाश ने बताया कि स्टॉक की जांच में उसे पूरा पाया गया है. उनके मुताबिक आईओ संगीता और अधीक्षक आफताब के बयान विरोधाभासी हैं. दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं. सीएमओ ने बताया कि इस मामले में वैक्सीन को आवासीय फ्रीजर में नहीं रखवाया जाना चाहिए था. उन्होंने बताया कि डॉक्टर आफताब को मुख्यालय अटैच कर दिया गया है. एक जांच कमेटी बना दी गई है. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी.

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