हमीरपुर की चांदी की मछलियां देख क्वीन विक्टोरिया हुई थीं खुश, कारीगरों को दिया था मेडल
बुंदेलखंड इलाके में धनतेरस, दिवाली में चांदी की मछली की पूजा की प्राचीन परंपरा है. हमीरपुर जिले में दिवाली-धनतेरस आते ही चांदी की मछली की…
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बुंदेलखंड इलाके में धनतेरस, दिवाली में चांदी की मछली की पूजा की प्राचीन परंपरा है.
हमीरपुर जिले में दिवाली-धनतेरस आते ही चांदी की मछली की धूम मच जाती है.
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खास बात यह है कि यह मछलियां दिखने में जिंदा लगती हैं. बिना इनके यहां की दिवाली अधूरी मानी जाती है.
चांदी की यह मछली बनाने वाले राजेंद्र सोनी ने बताया कि सदियों से उनके पूर्वज ये बनाते आ रहे हैं.
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उनके बुजुर्गों ने रानी विक्टोरिया को चांदी की मछली भेंट की थी तो उन्होंने इसकी खूबसूरती देखकर मेडल भी दिया था.
मछलियां हमीरपुर के मौदहा कस्बे में बनाई जाती हैं. इस परिवार का नाम आईने अकबरी पुस्तक में भी दर्ज है.
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मांग पर इन्हें सऊदी अरब, दुबई, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में भेजा जाता है.
इन मछलियों को लोग पूजा के स्थान में रखते हैं. हिंदू धर्म में मछली को शुभ माना जाता है.
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