2017 में हुई थी हत्या, अब तक बदले गए 14 जांच अधिकारी, 7 सालों से जारी है ये पुलिसिया खेल

संतोष शर्मा

ADVERTISEMENT

2017 में हुई थी हत्या, अब तक बदले गए 14 जांच अधिकारी, 7 सालों से जारी है ये पुलिसिया खेल
2017 में हुई थी हत्या, अब तक बदले गए 14 जांच अधिकारी, 7 सालों से जारी है ये पुलिसिया खेल
social share
google news

UP News: पुलिस पर मामले की जांच के दौरान खेल करने के आरोप हमेशा से ही लगते रहे हैं. मगर इस बार जो मामला सामने आया है, उसने हर किसी को सकते में डाल दिया है. दरअसल यूपी पुलिस ने दलित बुजुर्ग की हत्या के केस में जांच का ऐसा खेल खेला, जिसे कोई समझ ही नहीं पा रहा है. इस केस की जांच पुलिस द्वारा 1 या 2 या 7 बार नहीं बल्कि 14 बार की गई. पिछले 8 सालों से पुलिस इस केस की जांच ही कर रही है. करीब 14 बार इस मामले की जांच बदली जा चुकी है.

हैरान कर देने वाली बात ये भी है कि इस मामले में जब-जब पुलिस की जांच किसी नतीजे पर पहुंचती है यानी पुलिस नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट लेने वाली होती है या कुर्की के आदेश लेने जा रही होती है, तभी सीबीसीआईडी का जांच अधिकारी बदल दिया जाता है और नया अधिकारी जांच फिर से शुरू करता है. मगर अब इस मामले में अपर मुख्य सचिव गृह ने डीजीपी को जांच के आदेश दिए हैं.

क्या है पूरा मामाल

दरअसल ये पूरा मामला 7 साल पहले का है. 5 जून 2017 को गोंडा के तरबगंज थानाक्षेत्र के पकड़ी गांव में रह रहे रमई की गांव के ही दबंग राधेश्याम दुबे, विष्णु शंकर दुबे, मोहर अली और कलूट ने लाठी डंडों से पीट-पीट कर हत्या कर दी. हत्या के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट में क्राइम नंबर 238 / 2017 पर चार आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज हुई.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

मामला दलित की हत्या का था तो एससी-एसटी एक्ट लगा था. लिहाजा जांच सीओ मानकापुर विजय आनंद को दी गई, लेकिन जैसे ही विवेचन बढ़ी विजय आनंद का तबादला हो गया. इसके बाद जांच सीओ तरबगंज ब्रह्म सिंह को दे दी गई. सीओ ब्रह्म सिंह भी मामले की जांच कर रहे थे कि तभी जांच बदल कर सीओ सतीश चंद्र शुक्ला को दी गई.

बदलती रही जांच

सतीश चंद्र शुक्ला छुट्टी पर चले गए तो उनकी जगह पर काम देख रहे गौरव त्रिपाठी ने लगभग 4 महीने इस मामले की जांच की और पर्चे काटे, लेकिन अचानक जांच फिर बदली और फिर ये जांच बस्ती के ही सीओ कलवारी अरविंद कुमार वर्मा को सौंप दी गई. अरविंद वर्मा के बाद जांच गैर जनपद बहराइच में सीओ नानपारा सुरेंद्र कुमार यादव को दी गई. फिर ये जांच उनसे लेकर सीओ सिटी विजय प्रकाश को सौंप दी गई. इसके बाद शासन ने इस मामले की जांच  सीबीसीआईडी को दे दी.

ADVERTISEMENT

सीबीसीआईडी के हाथों में आई जांच

इसके बाद सीबीसीआईडी में सीओ प्रमोद कुमार ने मामले की जांच शुरू की. मगर यहां भी जांच बदलने का दौर शुरू हो गया. कुछ ही महीने बाद प्रमोद कुमार से जांच लेकर मामले की जांच डिप्टी एसपी आशापाल सिंह को दे दी गई. फिर मामले की जांच एडिशनल एसपी अखिलेश्वर पांडे ने की. फिर मामले की जांच एडिशनल एसपी राजेश कुमार भारती को सौंपी गई.

इसके बाद हत्या के मामले की विवेचना गोरखपुर सेक्टर के एडिशनल एसपी डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने की. इस मामले में कृष्ण गोपाल ने सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगाने की सिफारिश की और अपनी रिपोर्ट 31 में 2022 को सीबीसीआईडी हेड क्वार्टर लखनऊ भी भेज दी.

ADVERTISEMENT

फिर हो गया खेल

सीबीसीआईडी मुख्यालय से इस मामले की जांच अगले ही दिन यानी 1 जून 2022 को शासन को भेजी गई. सीबीसीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर 15 जुलाई 2022 को नामजद आरोपियों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू से लेकर कुर्की की कार्रवाई शुरू की गई. लेकिन जैसे ही नामजद आरोपियों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू लिया गया, सीबीसीआईडी में 12वीं बार जांच बदल दी गई और इस बार जांच एडिशनल एसपी रचना मिश्रा को दे दी गई.

26 अगस्त 2022 से रचना मिश्रा ने मामले की जांच शुरू की. उन्होंने एक्शन लेते हुए जिला पुलिस के साथ मिलकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. गोंडा की एससी-एसटी कोर्ट ने कुर्की की कार्रवाई के आदेश भी दे दिए. मगर फिर ये जांच बदलकर दूसरे एडिशनल एसपी लल्लन प्रसाद को दे दी गई. वह मामले की जांच कर रही रहे थे कि अचानक फिर ये जांच प्रयागराज सीबीसीआईडी के सेक्टर प्रभारी समीर सौरभ को दे दी गई. बता दें कि जब समीर सौरभ ने 20 मार्च 2023 से जांच शुरू की तो अचानक मामले की जांच की दिशा ही बदल गई.

आरोपियों को मिल रही है क्लीन चिट

दरअसल पहले इस मामले में जितनी भी जांच हुई, उन सभी में आरोपियों के इस मामले में शामिल होने के सबूत मिले. लेकिन समीर सौरभ की जांच में आरोपियों को क्लीन चिट देने की तैयारी है. बता दें कि जब मृतक रमई की पत्नी और उसके बेटों को बीते 8 साल में 14 बार जांच बदलने की जानकारी हुई तो मृतक की पत्नी की तरफ से  प्रमुख सचिव गृह को इस मामले की शिकायत की गई.

अब हो गए जांच के आदेश

मृतक की पत्नी ने शिकायत करते हुए लिखा कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे बिना उनकी जानकारी के 14 बार इस केस की जांच बदलकर आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. इस शिकायत पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने डीजी सीबीसीआईडी और डीजीपी का काम देख रहे विजय कुमार को पत्र लिखकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

फिलहाल इस मामले में जांच कर रहे सीबीसीआईडी प्रयागराज के सेक्टर प्रभारी समीर सौरभ का कहना है कि हत्याकांड की जांच सीबीसीआईडी कर रही है, लेकिन जांच किन परिस्थितियों में बदली इसकी जांच मुख्यालय स्तर पर की जा रही है.

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT