जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर 15 जून से सम्मलेन शुरू करेगी कांग्रेस

सत्यम मिश्रा

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जातीय जनगणना और ओबीसी आरक्षण वर्तमान समय की राजनीति में सबसे अहम मुद्दा है. इसी मुद्दे को अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने समूचे प्रदेश में मंडलवार जातीय जनगणना कराओ और आरक्षण बढ़ाओ को लेकर एक बड़े आंदोलन के तहत आगामी 15 जून से सम्मेलन चलाने जा रही है, जिसकी शुरुआत आगरा मंडल से होगी. इसके पीछे का कारण स्पष्ट है कि कांग्रेस, भाजपा को पूरे प्रदेश में जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर घेर कर उसे आगामी लोकसभा चुनाव में शिकस्त देना चाहती है.

वहीं, कांग्रेस यूपी प्रदेश अध्यक्ष ने आज प्रदेश कार्यालय पर अनुसूचित जातियों के साथ भी बैठक की, जिसमें जिला अध्यक्ष और प्रदेश कमेटी के लोगों को भी शामिल किया गया था. इधर, आरक्षण और जातीय जनगणना और अन्य राजनीतिक मुद्दों को लेकर यूपी तक ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाज खाबरी से बातचीत की.

खाबरी ने बताया कि आज उन्होंने अनुसूचित जातियों के साथ बैठक की. मीटिंग में जिला अध्यक्ष और प्रदेश कमेटी के लोगों को भी बुलाया गया था, जिसमें आने वाले चुनाव को लेकर चर्चा हुई. खाबरी ने कहा कि देश को जातीय जनगणना की जरूरत है, क्योंकि राहुल गांधी जी ने भी इसकी मांग की है, ताकि सन 2011 तक की जो जनगणना रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है वो पहले सामने आए.

उन्होंने कहा कि 2011 से लेकर 2022 तक की जातीय जनगणना हो जिससे सर्वे के जरिए पता चल सके कि किस जात की कितनी वृद्धि हुई और किसकी कितनी कमी आई है, ये पता चल सके. कर्नाटक में जिस तरीके से राहुल गांधी ने जाति जनगणना और आरक्षण के मुद्दे को लेकर प्रचार-प्रसार किया, क्या उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी भी आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर इसी नाते आरक्षण मुद्दे को भुना रही है? तो इस सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनगणना और आरक्षण का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. यह एक कार्य के तहत है, जिसे अभी तक हो जाना चाहिए था. अगर हमें मौका मिला तो हम यह करके देंगे.

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यूपी तक के सवाल पर कि क्या जिस तरीके से अखिलेश यादव लगातार आरक्षण और जाति जनगणना पर सरकार को घेरते रहे हैं तो क्या आने वाले समय में कांग्रेस और सपा गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ेगी, तो उस पर बृजलाल ने कहा कि यह राष्ट्रीय नेतृत्व का निर्णय होगा कि वह किसके साथ गठबंधन करती है, जो राष्ट्रीय नेतृत्व फैसला लेगा उस पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्य करेगी.

खाबरी ने आगे कहा कि मंडलवार जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दों पर जो कार्य किया जाएगा, उसका नेतृत्व कौन करेगा? क्या कोई ओबीसी समाज के बीच का नेता होगा या कोई अन्य, अभी यह तय नहीं किया गया है. मीटिंग में इसकी सिर्फ बात हुई है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं,

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“भाजपा सरकार इसलिए जनगणना नहीं करा रही है, क्योंकि वह सत्ता में बिना जातीय जनगणना कराए बैठी है, तो उसको आखिर जनगणना की क्या जरूरत है. भाजपा आ बैल मुझे मार वाली हरकते आखिर क्यों करेगी, इसीलिए राहुल गांधी जी ने मांग की है कि जिस जाति का जो अनुपात है वह सबके सामने आ जाए, ताकि उनकी हिस्सेदारी और हक मिल सके. यह तभी संभव है जब सरकार जनगणना का सर्वे कराए, लेकिन भाजपा यह नहीं चाहती है, वह चाहती है कि कुछ ही परिवार के लोगों को फायदा मिलता रहे.”

पीएम मोदी द्वारा बांटे गए नियुक्ति पत्र पर भी कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार को घेरा और कहा कि अब नई परंपरा शुरू हो गई है, जिसमें नेताओं के द्वारा नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है. पहले नियुक्ति पत्र डाक के माध्यम से परीक्षा में पास किए गए अभ्यर्थियों के पास आ जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब वोट की राजनीति हो रही है.

ब्रिज लाल खाबरी से यह भी सवाल पूछा गया कि क्या बसपा सुप्रीमो मायावती कांग्रेस और भाजपा दोनों पर हिंदुत्ववादी होने का आरोप लगाया है. इसपर कांग्रेस नेता ने कहा कि बसपा मुखिया यह बताएं कि उन्हें कांग्रेस के हिंदुत्व से परेशानी है कि भाजपा के हिंदुत्व से?मायावती ये बताएं कि राखी बांधने कौन जाता है.

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