CBI की चाइल्ड पॉर्नोग्राफी मामले में बड़ी कार्रवाई, यूपी के 11 ठिकानों पर छापेमारी

संतोष शर्मा

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इंटरनेट ने भले ही दुनिया को एक मोबाइल में समेत दिया हो, लेकिन इंटरनेट से अपराध के कई दूसरे तरीके और आयाम भी बढ़ गए हैं. इंटरनेट पर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी यानी ऑनलाइन बाल यौन शोषण के मामले में सीबीआई ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश समेत 14 राज्यों के 77 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. बता दें कि इस दौरान सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में कार्रवाई की है.

सीबीआई को 14 राज्यों के 77 ठिकानों पर की गई छापेमारी में 50 से ज्यादा ऐसे गैंग की जानकारी मिली है, जो ऑनलाइन बाल यौन शोषण के कारोबार में जुड़े हैं. इनमें लगभग 100 देशों के कई नागरिक भी हैं.

देश और दुनिया में ऑनलाइन बाल यौन शोषण की शिकायतों को देखते हुए सीबीआई ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले इस कारोबार पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. ऑनलाइन बाल यौन शोषण से संबंधित मामलों के लिए गठित सीबीआई की स्पेशल यूनिट ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की.

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दरअसल सीबीआई ने 14 नवंबर को इस मामले में 83 आरोपियों के खिलाफ 23 अलग-अलग मामले दर्ज किए. इसी मामले में मंगलवार को सीबीआई ने 14 राज्यों के 77 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. इनमें सर्वाधिक दिल्ली के 19, यूपी के 11, आंध्र प्रदेश के 2, गुजरात के 3, पंजाब के 4, बिहार के 2, हरियाणा के 4, उड़ीसा के 3, तमिलनाडु के 5, राजस्थान के 4, महाराष्ट्र के 3, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के 1-1 जिलों के 77 स्थान पर छापेमारी की गई.

उत्तर प्रदेश की बात करें, तो प्रदेश में 11 जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की. इनमें कोंच -जालौन, मऊ, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, नोएडा, झांसी, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर शामिल हैं.

सीबीआई को अब तक की जांच में क्या हासिल हुआ?

सीबीआई को अब तक की छापेमारी में कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स/मोबाइल/लैपटॉप आदि बरामद हुए हैं. सीबीआई को जांच में यह पता चला है कि कुछ आरोपी सीएसईएम (CSEM) यानी Child Sexual Exploitation Material में शामिल हैं. अब तक की जांच में सीबीआई को 50 से ज्यादा ऐसे गैंग की जानकारी मिल चुकी है, जिनमें 5000 से ज्यादा अपराधी बाल यौन सामग्री साझा कर रहे हैं. ऑनलाइन बाल शोषण के इस कारोबार में कई ग्रुप में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.

यह पहला मौका नहीं है जब उत्तर प्रदेश में सीबीआई ने बाल यौन शोषण के मामले में कार्रवाई की हो. इससे पहले, साल की शुरुआत में ही सीबीआई ने बांदा से सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर और उसकी पत्नी को इसी मामले में गिरफ्तार किया था. बता दें कि बांदा के जूनियर इंजीनियर के भी नेटवर्क विदेश से जुड़े हुए थे.

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