बस्ती: लंबे बालों में फंसी पुलिस, पुरूष के शव को बता दिया महिला की लाश, ऐसे हुआ खुलासा

संतोष सिंह

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उत्तर प्रदेश की बस्ती पुलिस के साथ एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है. कुछ दिनों पहले दुबौलिया थाना क्षेत्र के एक गांव में पुलिस को सूचना मिली थी कि एक गांव में नहर के किनारे बोर में लाश मिली है. सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंचती है और जैसे ही पुलिस बोरा खुलवाती है, तो देखती है बोरे में रखी लाश के लंबे बाल हैं. बस यहीं पुलिस धोखा खा जाती है और समझ नहीं पाती कि सामने मिली लाश पुरुष का है या महिला का.

पुलिस ने बिना जांच किए ही लाश के लंबे बाल देखकर हल्ला मचा दिया कि मिली लाश 24 वर्षीय एक महिला की है, जिसकी पहचान नहीं हो पा रही है. फिर क्या था, आनन-फानन में मौके पर कप्तान साहब भी पहुंच गए और उन्होंने भी ऐलान कर दिया कि अज्ञात महिला की लाश मिली है और जांच की जा रही है. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.

अब इस प्रकरण में नया ट्विस्ट आया है. जब डॉक्टरों ने बोर में पड़ी लाश को पोस्टमॉर्टम करने के लिए खोला तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि पंचनामा महिला के लाश मिलने का भरा गया था और पोस्टमॉर्टम में शव पुरुष का निकला. जिसके बाद डॉक्टर ने पोस्टमॉर्टम करने से मना कर दिया. पुलिस से कहा कि पंचनामा में बदलकर लाने पर ही पीएम होगा. तीन दिन पहले बोरे में मिले शव का पंचनामा करने में दुबौलिया पुलिस की चूक सामने आई है, जिस लंबे बाल वाले शव को युवती मानकर पंचनामा किया गया और तीन दिन तक पुलिस पहचान कराने के लिए हाथपांव मारती रही, वह शव पुरुष का निकला.

पोस्टमॉर्टम के लिए सील किया गया. जब बोरा खोला गया तो पोस्टमॉर्टम करने वाले डाक्टर और स्टॉफ के लोग दंग रह गए. कुछ देर तक वे सोचते रहे कि इसका आखिर क्या किया जाए. चूंकि, थाने से महिला मानकर पंचनामा हुआ था, इसलिए टीम ने पोस्टमॉर्टम न करने का फैसला किया. बताया जा रहा है कि दोबारा पुरुष का पंचनामा बनकर आएगा, तभी पोस्टमॉर्टम हो पाएगा.

दरअसल, दुबौलिया थाना क्षेत्र के गोकुलपुर गांव के निकट रविवार सुबह सरयू नहर की पुलिया के नीचे झाड़ में फंसे बोरे में एक शव मिला था. तेज दुर्गंध आने पर ग्रामीणों ने बोरे में शव होने की आशंका में पुलिस को सूचना दी थी. थाने से करीब 600 मीटर दूर से मौके पर पहुंची पुलिस ने बोरी को खोलवाकर देखा तो हाथ-पैर कपड़े की पतली पट्टी से बंधा हुआ था. पानी में रहने के कारण शव काफी फूल गया था और उसमें सड़न होने लगी थी.

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पुलिस ने बोरा खोलकर एक नजर देखा और बताया कि वह शव किसी युवती का है, जिसकी उम्र लगभग 24-25 वर्ष आंकी गई. शरीर पर लाल रंग का कुर्ता और सफेद लैगी या पायजामा जैसा कपड़ा देखा गया. पुलिस अधीक्षक कृष्ण गोपाल चौधरी ने भी मौके पर पहुंच कर जानकारी हासिल की. चूंकि, पहचान नहीं हो पाई थी, इसलिए पुलिस ने नियमानुसार 72 घंटे के लिए मुर्दाघर में शव रखवा दिया और सोशल मीडिया से लेकर अन्य तरीकों से पहचान कराने का प्रयास करने लगी.

बुधवार को 72 घंटे की समयसीमा समाप्त होने के बाद जब पोस्टमॉर्टम करने के लिए डॉक्टर ने शव को चीरघर मंगाया तो बोरा खोलने पर वह शव युवक का निकला. पुलिस के सील किए गए बोरे में जो शव मिला उसके बाल लंबे थे. हालांकि दाढ़ी-मूछ भी है, मगर पुलिस से यही चूक हो गई कि वह कायदे से देख नहीं पाई. सिर्फ बाल देखकर मान लिया कि शव युवती का है.

माना जा रहा है कि लालरंग के कुर्ते से भी युवती का शव लगा होगा. इस तरह से हुलिया और हाथ में लिपटा माला देखने से लग रहा है कि वह शव किसी साधू का है. उसके गले में कसी हुई रस्सी लिपटी हुई है. आशंका है कि गला कसकर हत्या के बाद शव को बोरे में भरा गया होगा. कपड़े की पट्टी से हाथ और पैर एक साथ बांधा गया था.

इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक बस्ती गोपाल कृष्ण चौधरी ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराएंगे और यह भी पता करेंगे कि आखिर ये चूक कहां से हुई और जांच के बाद कार्रवाई भी करेंगे. फिलहाल पुरुष से महिला और महिला से पुरुष के चक्कर में फंसी बस्ती पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है. अब देखना है कि इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है.

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