कानपुर, कन्नौज के बाद अब लखनऊ में मिले जीका वायरस से संक्रमित मरीज, दो केसों की हुई पुष्टि
अभी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा खत्म नहीं हुआ है कि यूपी में एक और खतरनाक संक्रमण धीरे-धीरे अपना पैर पसारता दिख रहा है.…
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अभी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा खत्म नहीं हुआ है कि यूपी में एक और खतरनाक संक्रमण धीरे-धीरे अपना पैर पसारता दिख रहा है. कानपुर और कन्नौज के बाद अब जीका वायरस के संक्रमण ने लखनऊ में भी दस्तक दी है. सूबे की राजधानी में जीका वायरस के संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि हो गई है. अहम बात यह है कि दोनों संक्रमित मरीज शहर के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं.
स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने लखनऊ के उन इलाकों में जीका के संक्रमितों को लेकर अभियान शुरू कर दिया है, जहां ये केस मिले हैं. मेडिकल एंड हेल्थ के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर वेद व्रत सिंह ने लखनऊ में जीका संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि की है. लखनऊ में जीका वायरस का पहला संक्रमण हुसैनगंज के फूलबाग में एक शख्स में पाया गया है. वहीं, दूसरा मामला 24 साल की एक महिला के संक्रमित होने का है, जो कृष्णानगर की रहने वाली हैं.
अबतक मिली सूचना के मुताबिक महिला में संक्रमण के कोई लक्षण अबतक नहीं दिखे हैं. वहीं दूसरा शख्स परीक्षा देने किसी दूसरे जिले में गया हुआ है. जीका वायरस का संक्रमण पता चलने के बाद मरीज के घर और आसपास के लोगों के बीच कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का अभियान चलाया गया है.
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इन दोनों मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं मिली है. परिवार के लोगों के ब्लड सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं. आपको बता दें कि अकेले कानपुर में जीका वायरस के संक्रमण के मामले 100 का आंकड़ा पार कर चुके हैं. यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर सोर्स डिटेक्शन और सैंपल इकट्ठा करने का काम कर रही है.
लोगों को साफ सफाई के लिए जागरूक किया जा रहा है. नगर निगम की टीम लगातार जल जमाव स्थलों को चिन्हित कर वह दवाइयों का छिड़काव कर रही है. वही कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नेपाल सिंह ने बताया कि हम लोग लगातार जीका वायरस संक्रमित इलाकों का विजिट करके छिड़काव व लोगों को जागरूक कर रहे हैं. 10 नवंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कानपुर दौरे के दौरान जीका संक्रमण से प्रभावित स्थल का निरीक्षण किया था.
कैसे फैलता है जीका वायरस, क्या होते हैं लक्षण?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलता है. पहली बार साल 1952 में युगांडा और तंजानिया में इंसानों में इसका संक्रमण पाया गया था. जीका वायरस से संक्रमितों के अंदर हल्का बुखार, चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या सिरदर्द जैसे लक्षण होते हैं.
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2 से 7 दिनों तक ये लक्षण दिख सकते हैं. शारीरिक संबंध बनाने से भी इस वायरस का संक्रमण हो सकता है.
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