क्या कोरोना की तीसरी लहर आएगी? UP और केरल के केस में क्यों है फर्क, जानें IIT प्रोफेसर से

कुमार अभिषेक

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भारत में कोरोना की हालिया स्थिति को लेकर यूपी तक ने आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल से बातचीत की है. प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा है कि देश में अगर कोरोना का कोई नया वेरिएंट नहीं आया तो महामारी की तीसरी लहर भी नहीं आएगी.

इस रिपोर्ट में पढ़िए प्रोफेसर अग्रवाल से हुई बातचीत की अहम बातें.

“अगर कोई नया वेरिएंट नहीं आया तो ये लड़ाई हम जीत रहे हैं”

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प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि देश में अगर डेल्टा वेरिएंट ही रहा और इसके अलावा कोई और नया वेरिएंट नहीं आया तो समझिए हम कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई जीत रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश ने कोरोना पर लगभग काबू पा लिया है और केरल में स्थिति सामान्य होने पर पूरे देश में इस बीमारी से काबू पाया जा सकेगा. अग्रवाल के मुताबिक, अगले एक महीने में केरल में भी मामले काबू में आ जाएंगे.

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“यूपी में कोरोना कंट्रोल पर अच्छा काम हुआ”

यूपी में कोरोना को नियंत्रित करने पर प्रोफेसर अग्रवाल ने प्रदेश सरकार की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना कंट्रोल का अच्छा काम हुआ है और निगरानी समितियों की वजह से प्रदेश में हालात को काबू किया जा सका है.

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केरल में स्तिथि क्यों नहीं है ठीक?

बकौल अग्रवाल, केरल के हालात इसलिए खराब हैं क्योंकि वहां हर्ड इम्युनिटी (एक संक्रामक रोग से अप्रत्यक्ष सुरक्षा) नहीं बनी, जबकि उत्तर प्रदेश में 75% से ज्यादा लोगों में कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी बन चुकी है.

“स्वदेशी वैक्सीन नहीं होती, तो हालात अच्छे नहीं होते”

प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि भारतीय वैक्सीन कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ी उपलब्धि है. अगर कोवैक्सीन या कोविशील्ड नहीं होती तो देश के हालात बेकाबू होते.

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