स्वामी मौर्य जूठन खाते-खाते कुत्ते से भी हो गए हैं बदतर, औकात नहीं..: स्वामी जितेंद्रानंद

रोशन जायसवाल

• 03:22 PM • 28 Jan 2023

रामचरितमानस पर सपा नेता और MLC स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ संतों का वाक युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक…

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रामचरितमानस पर सपा नेता और MLC स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ संतों का वाक युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक ओर स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की तुलना जल्लाद और आतंकवादी से कर दी तो वहीं राम मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास ने स्वामी प्रसाद को पागल बताकर उन्हे पागलखाने में भर्ती करने की बात तक बता डाली है.

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अब इससे भी एक कदम और आगे जाकर अ.भा.संत समिति के महासचिव दंडी स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने स्वामी प्रसाद मौर्य की तुलना कुत्ते से करके विवाद को और हवा दे दी है.

वाराणसी स्थित अपने आश्रम पर दंडी स्वामी जितेंद्रानंद ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य की जूठा खाते-खाते इधर उधर घूमते-घूमते हालत कुत्तों से भी बदतर हो जाती है. वे यहीं पर नहीं रुके, आगे बताया कि बहन मायावती के जूठन से शुरू करके स्वामी प्रसाद योगी आदित्यनाथ जी का जूठन खाते हुए अब अखिलेश यादव के खेमे में पहुंच चुके हैं. खुद की स्वामी प्रसाद की औकात ही नहीं है कि कभी विधानसभा चुनाव जीत जाए.

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे व्यक्तियों के बयानों का ज्यादा नोटिस लेना भी ठीक नहीं है. वे मानसिक संतुलन खो चुके हैं. ऐसे लोगों का एकसूत्रीय काम ब्राह्मण और साधु-संतों को गाली देना होता है और ऐसा काम राक्षस ही करता है. जब देवता और संत यज्ञ-हवन करेंगे और राक्षस मरेगा तो उन्हे जल्लाद ही कहेगा. यज्ञ में ऐसे दानव, पिशाच और नरपिशाच स्वत: भस्म हो जाएंगे.

वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान ‘राष्ट्र धर्म सनातन धर्म है और राष्ट्र मंदिर राम मंंदिर है’ पर अ.भा.संत समिति के महासचिव दंडी स्वामी जितेंद्रानंद ने बताया कि पूरी दुनिया में इसके अलावा संप्रदाय है. एक होली बुक, एक होली वाटर और एक ही होली पर्सन है, जबकि सनातन हिंदू धर्म में ऐसा नहीं है. यहां तो तमाम नदियां पवित्रता से भरी हुई हैं और तमाम महापुरुष भी हुए हैं.

उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत आचार्य पैदा करता है तो उत्तर भारत अवतार देता है और इन अवतारों की पूजा आचार्य करते हैं. धर्म एक ही है वह सनातन धर्म है. जहां तक राम की बात है तो धर्म के विग्रह स्वरूप भगवान राम है, इसलिए भगवान राम का मंदिर ही राष्ट्र का मंदिर है.

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