संभल में मिली रानी की बावड़ी की जांच के लिए पहुंची ASI टीम, अधिकारी अंदर गए तो क्या पता चला?

UP News: उत्तर प्रदेश के संभल में फिर ASI टीम आई है. इस बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम संभल के चंदौसी में मिली रानी की बावड़ी की जांच करने पहुंची है.

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अनूप कुमार

25 Dec 2024 (अपडेटेड: 25 Dec 2024, 11:13 AM)

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UP News: उत्तर प्रदेश के संभल में फिर ASI टीम आई है. इस बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम संभल के चंदौसी में मिली रानी की बावड़ी की जांच करने पहुंची है. आज 5वें दिन भी रानी सुरेंद्र बाला की बावड़ी की खुदाई की जा रही है. अभी तक 12 फीट गहरी खुदाई हो चुकी है. मगर अभी तक बावड़ी का तल नहीं मिला है. जितनी खुदाई गहरी होती जा रही है, विशालकाय इमारत नजर आती जा रही है.

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इसी बीच आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI की टीम बावड़ी की जांच करने पहुंची है. ASI टीम के अधिकारी रानी की बावड़ी की जांच करने आए हैं. इस दौरान टीम ने करीब 150 फोटो भी लिए हैं. टीम द्वारा बावड़ी की वीडियोग्राफी भी की गई है.

बता दें कि ASI अधिकारी बावड़ी के अंदर भी गए हैं और इसकी खुदाई में लगे मजदूरों से भी उन्होंने बात की है.  माना जा रहा है कि ASI की टीम जल्द ही बावड़ी को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है.

सहसपुर की रानी थी सुरेंद्र बाला

बता दें कि सहसपुर की रानी सुरेंद्र बाला की ये बावड़ी थी. रानी के परिवार का दावा है कि रानी जब यहां आती थीं, तब वह इसी बावड़ी में ठहरती थीं. यहां रियासत के सैनिक भी ठहरते थे. ये बावड़ी संभल के चंदौसी में मिली है. दावा है कि यहां पहले हिंदू आबादी रहती थी. मगर 1857 के बाद इलाका मुस्लिम बाहुल्य होता गया तो हिंदू आबादी यहां से चली गई. फिर ये जमीन बिक गई और रानी की बावड़ी को मिट्टी से भर दिया गया.

आपको ये भी बता दें कि संभल जिलाधिकारी के पास इसको लेकर शिकायत आई थी कि बावड़ी पर अवैध कब्जा किया गया है और उसे दबा दिया गया है. डीएम के आदेश पर खुदाई हुई और रानी की बावड़ी सामने आ गई. पिछले 5 दिनों से लगातार बावड़ी की खुदाई जारी है.

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