मुख्तार के MLA बेटे अब्बास के खिलाफ ED ने जिस रिपोर्ट पर की कार्रवाई जानें उसमें क्या है?

माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के विधायक बेटे अब्बास और उसकी फैमिली के खिलाफ जो रिपोर्ट बनाकर यूपी एसटीएफ ने प्रदेश सरकार को दी थी,…

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माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के विधायक बेटे अब्बास और उसकी फैमिली के खिलाफ जो रिपोर्ट बनाकर यूपी एसटीएफ ने प्रदेश सरकार को दी थी, इसी रिपोर्ट के आधार पर ईडी (Enforcement Directorate) ने कार्रवाई की है. दरअसल यूपी एसटीएफ की रिपोर्ट यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को भेज दी थी. फिर प्रवर्तन निदेशालय ने इसी रिपोर्ट के आधार पर मुख्तार अंसारी एंड फैमिली के खिलाफ एक्शन लिया था.

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इस कंपनी में जबरन बने मालिक

इस रिपोर्ट में यूपी एसटीएफ ने बताया कि विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से मुख्तार अंसारी को 50 लाख की सालाना आय हो रही थी. विकास कंस्ट्रक्शन से असली मालिक को जबरन बाहर करके मुखतार की पत्नी आफसा को 60 फीसदी, साले आतिफ रजा और अनवर शहजाद को 15-15 फीसदी का हिस्सेदार बनाया गया था.

ऐसे मिला विकास कंस्ट्रक्शन को ठेका

अंसारी ने एफसीआई गोदाम को नियम विरुद्ध गुंडई और दबंगई के दम पर बनवाया था.एफसीआई गोडाऊन को टेंडर द्वारा लेने के लिये कोई भी फर्म ने ठेका में अप्लाई तक नहीं कर पाई. गुंडई के आगे किसी ने आवेदन नहीं किया. तीन बार टेंडर कॉल हुआ, लेकिन जब मुख्तार की फर्म के अलावा कोई आया ही नहीं तो उसके परिवार की फर्म विकास कंस्ट्रक्शन को सिंगल निविदा के बावजूद ठेका दे दिया गया.

दबंगई इस कदर कि…

यूपी एसटीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी की गुंडाई और दबंगई का आलम ये था की जमीन भविष्य में ली जाएगी, इसका शपथ पत्र देने भर से ही मात्र खाद्य भंडारण निगम ने ठेके को मुख्तार की फर्म को दे दिया. उक्त भूमि को छल से, भय के जरिये, दबंगई से पहले तो फर्जी रजिस्ट्री कर के जबरन कब्जा कर लिया गया. फिर गलत पेपर से बैंक से लोन भी ले लिया और गोदाम से मुख्य मार्ग की सड़क को भी कब्जा करके मुख्य मार्ग से जोड़ लिया.

फर्जी दस्तावेज के जरिए बैंक से लिए करोड़ों का लोन

मुख्तार अंसरी और इनके लोगों ने फर्जी दस्तावेज के जरिये विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिये बैंक से कई लोन भी लिये, जिसका करोड़ों का अमाउंट अभी भी पेंडिंग है, जिसका वजह से इन सभी अकाउंट्स को एनपीए घोषित किया जा चुका है.

अब्बास अंसारी केयर टेकर आफसा अंसारी के गजल होटल को भी बैंक में गिरवी रखा गया था. जिसके बाद बैंक ने सीसी लिमिट बढ़ाई थी, लेकिन ये होटल भी गलत तरीके से बनाया गया था. लिहाजा प्रशासन ने होटल को ध्वस्त कर दिया. ये भी फ्रॉड की श्रेणी में आता है.

कंपनी को 4 साल में साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा का भुगतान

वर्ष 2016 से 2020 तक भंडारण निगम द्वारा मुख्तार की विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी को करीब 5 करोड़ 79 लाख का किराया भी भुगतान किया गया है. इस पूरी प्रक्रिया में मुख्तार अंसारी और उसके गैंग ने गुंडई-दबंगई के बल पर सब कुछ हासिल किया, जिसमें जबरन कब्जा भी शमिल है.

कंपनी ने सरकार से करोड़ों की सब्सिडी भी ली

विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गोदाम निर्माण के लिये सरकार से 2 करोड़ 32 लाख की सब्सिडी भी ली. बदले में राज्य भंडारण निगम ने 5 करोड़ 79 लाख का किराया भी दिया. इस प्रक्रिया में शमिल सभी लोगों के खिलाफ सरकार एफआईआर और कार्रवाई करेगी.

मां-बेटे के बीच हुए करोड़ों के ट्रांजेक्शन

पूरे प्रकरण में आफसा अंसारी और अब्बास अंसारी के बीच करोड़ों के ट्रांजेक्शन हुए. जिसके बाद अब्बास ने उन पैसों को अलग-अलग जगह इस्तेमाल किया. लिहाजा ईडी अब इस मनी ट्रेल की जांच कर रही है. जिसके बाद अब्बास अंसारी गिरफ्तार हुआ. आज मुख़्तार का साला गिरफ्तार हुआ. सूत्रों की माने तो मख्तार अंसारी की पत्नी आफसा की मुश्किलें बढ़ना भी तय है.

गौरतलब है कि मुख्तार अंसरी फिलहाल बांदा के जिला कारागार में बंद है. मुख्तार को हाईकोर्ट से जेलर को धमकाने के मामले में 7 साल और गैंगस्टर एक्ट में 5 साल की सजा मिल चुकी है. इधर सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को एमपी एमएलए कोर्ट ने ईडी की कस्टडी रिमांड को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने अब्बास अंसारी को 7 दिन के ईडी रिमांड पर भेज दिया है.

मुख्तार को गैंगस्टर केस में मिली 5 साल की सजा, जेलर को धमकाने पर मिल चुकी है 7 साल की जेल

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