‘याचिका का निपटारा हो गया, अब निचली अदालत…’, सुप्रीम कोर्ट से पहलवानों को लगा बड़ा झटका

संजय शर्मा

04 May 2023 (अपडेटेड: 04 May 2023, 03:38 PM)

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और यूपी के कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ कार्रवाई की मांग के…

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भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और यूपी के कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बंद की.

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कोर्ट ने कहा कि जिस अपील के साथ याचिकाकर्ता कोर्ट आए थे वो पूरा हो गया है. महिला पहलवानों के यौन शौषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट आगे सुनवाई नहीं करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई बंद की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में FIR दर्ज हो चुकी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को छूट दी कि फिलहाल इस स्थिति में केस बंद कर दिया गया है, लेकिन भविष्य में कोई भी दिक्कत या शिकायत होने से निचली अदालत या मजिस्ट्रेट कोर्ट में जा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनवाई का उद्देश्य FIR को लेकर था, जो दर्ज हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज से जांच की निगरानी कराने की मांग भी खारिज कर दी है.

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुरक्षा इंतजाम और चुनौतियों और धमकियों के मद्देनजर किए जा रहे अहतियाती इंतजामों का ब्योरा दिया. 

चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा की बेंच के सामने सुनवाई शुरू होते ही दिल्ली पुलिस ने अदालत में प्रगति रिपोर्ट दाखिल की. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सुरक्षा मुहैया कराई गई है. नाबालिग लड़की को अतिरिक्त सुरक्षा दी गई. इसके अलावा बाकी 6 शिकायतकर्ताओं को भी 24 घंटे सुरक्षा दी गई है.

सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे इस मामले में आरोपी बृज भूषण शरण सिंह की तरफ से पेश हुए. साल्वे ने कहा कि उनका पक्ष भी सुना जाए. साल्वे ने कहा कि मेरे खिलाफ FIR दर्ज की गई और मुझे ही इस मामले मे पक्षकार नहीं बनाया गया. इसलिए मेरा भी पक्ष सुना जाए. CJI ने पूछा कि क्या 164 के तहत बयान दर्ज हुए है? SG मेहता ने कहा कि अभी तक 164 के बयान के लिए समय नहीं मांगा गया है. अभी तो जांच चल रही है. सभी बातों के लिए अगर शिकायतकर्ता यहां आएंगे तो ये सही नहीं होगा.दिल्ली पुलिस अपनी तरफ से काम कर रही है.
लेडी सीनियर ऑफिसर के जरिये शिकायत पर काम हो रहा है. लेकिन हर बात के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करना सही नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या आपने पीड़िताओं के बयान मजिस्ट्रेट के सामने CrPC की धारा 164 के तहत दर्ज करा दिए? इसपर तुषार मेहता ने कहा कि अभी तक नहीं. CJI ने पूछा कि क्या मजिस्ट्रेट से इसके लिए टाइम लिया गया है? तुषार मेहता ने फिर कहा कि अभी नहीं. अभी तो शिकायत की जांच की जा रही है. SG ने कहा कि इस मामले में कुल 7 शिकायतकर्ता हैं.

पहलवानों के वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि बयान दर्ज कराने के लिए इस मामले में नाबालिग शिकायतकर्ता को 160 का नोटिस नहीं दिया गया, बाकी लोगों के बयान 3 घंटे की अवधि में दर्ज हुए.

महिला पहलवान शिकायतकर्ताओं के वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि कल बुधवार दोपहर सीआरपीसी की धारा 160 के नोटिस के तहत बयान दर्ज करने के लिए आए थे. 4 शिकायतकर्ताओं के बयान शाम को बयान दर्ज हुए, जबकि आरोपी बृजभूषण शरण सिंह शिकायतकर्ताओं के बारे में लगातार बयान दे रहे हैं.

सरकार की ओर से कहा गया कि शिकायतकर्ता लगातार मीडिया में बयान दे रहे हैं. राजनीतिक दलों के लोग ट्रक पर लादकर धरना स्थल पर गद्दे, फोल्डिंग चारपाई आदि लेकर आए. बिना अनुमति के ऐसा होने से पुलिस ने रोका तो धक्का-मुक्की हुई. बाद में शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी शराब के नशे में था, जबकि मेडिकल जांच में ये आरोप साबित नहीं हो पाया.

CJI: शिकायतकर्ता से पूछा अब आप सुप्रीम कोर्ट से क्या चाहते हैं? आप FIR के लिए यहां आये थे वो तो दर्ज हो गई.

SG: शिकायतकर्ता महिला पहलवान भी लगातार टीवी पर बयान दे रहे हैं, प्रदर्शन पर बैठे हैं. साल्वे ने SG के समर्थन में कहा कि शिकायतकर्ता महिला पहलवान भी टीवी पर इंटरव्यू दे रही है.

कोर्ट ने आदेश लिखवाते हुए कहा कि एफआईआर दर्ज कराने की अर्जी पर अमल हो गया है. कोर्ट के अन्य निर्देश का भी पालन हुआ है. नाबालिग और अन्य शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाई गई है.

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