लखनऊ-बाराबंकी के जिन जगहों से PFI सदस्यों को किया गया गिरफ्तार, वहां से ग्राउंड रिपोर्ट

देश भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोगों की तलाश में जारी अभियान के बीच मंगलवार को यूपी पुलिस के एटीएस और…

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देश भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोगों की तलाश में जारी अभियान के बीच मंगलवार को यूपी पुलिस के एटीएस और पुलिस की अन्‍य इकाइयों ने प्रदेश के 26 जिलों में छापेमारी कर 57 लोगों को हिरासत में लिया है. बता दें कि कुछ दिनों पहले भी इसी तरह का अभियान चलाकर यूपी से पीएफआई से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

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गौरतलब है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों की टीमों ने 22 सितंबर को देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों में छापेमारी की थी और उसके 106 नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. एनआईए, पीएफआई की संलिप्तता वाले 19 मामलों की जांच कर रही है.

इस बीच यूपी तक लखनऊ और बाराबंकी के उन ठिकानों पर पहुंचा, जहां पीएफआई से जुड़े लोगों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था. यूपी तक की टीम लखनऊ के इंदिरानगर पहुंची, जहां से वसीम अहमद को एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

जब हमारी टीम ने वसीम अहमद के परिवार से बात करनी चाही तो उसकी मां ने कहा कि वह बयान नहीं दे पाएगी और खिड़की से ही यह बता कर अंदर जाने लगी. फिर कहा कि हम लोग यहां नहीं थे, उसके पिता दर्जी हैं. हालांकि, वह पहले पूछने गई थी कि पिता हमसे बात करेंगे या नहीं, पर दोबारा आकर उन्होंने कहा कि वह घर पर नहीं है.

वहीं, मोहल्ले के लोगों ने दबी जुबान में कहा कि वसीम यूं तो ठीक लड़का था, पर अगर पुलिस को कुछ मिला है तो तभी कार्रवाई कर है. ऐसा नहीं हो सकता कि परिवार को ना पता हो, परिवार को PFI के बारे में सब पता होगा.

‘घर पर पाकिस्तान का झंडा लगाने का किया था ऐलान’

मोहल्ले में आगे बढ़ने पर दो लोग बैठे मिले, उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले वसीम ने अपने घर की छत पर पाकिस्तान का झंडा लगाने का ऐलान किया था. पुलिस से परमिशन भी मांगी थी फिर पुलिस आई थी कुछ एक्शन भी हुआ था, पर फिर पुलिस वाले इसे समझा कर छोड़ गए थे.

लोगों ने वसीम को लेकर बताया कि वह CAA, NRC में पकड़ा भी गया था, 6 महीने जेल भी रहा. क्या पता पाकिस्तान में ट्रेनिंग कर आया हो. पैसा मिलता होगा उसे और परिवार को, तभी पीएफआई से जुड़े होंगे, परिवार को पता होगा. मोहल्ले वालों को अगर पता होता तो उसे मोहल्ले से भागा देते. PFI देश के लिए सही नहीं है.

लोगों ने आगे बताया कि जो भी राष्ट्र विरोधी होगा, हमारे मोहल्ले में नहीं रह सकता है. हमारा आपस में विरोध चलेगा, पर अगर कोई देश का विरोध करेगा तो सहन नहीं करेंगे. कहने की बात है कि वह दर्जी था, पर वह कभी दुकान पर बैठा नहीं ,उसके पिता बैठते थेॉ.

जब हम मोहल्ले में कुछ और अगर आगे बढ़े तो एक जनरल स्टोर की एक दुकान मिली. दुकान वाले ने बताया कि नदीम यहां ज्यादा रहता ही नहीं था.

इसके बाद यूपी तक की टीम बाराबंकी के गांव गौरहार पहुंची, जहां से पिछले दिनों पीएफआई से जुड़े नदीम नामक युवक को गिरफ्तार किया गया. यूपी तक से बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने पीएफआई को सही बताया और नदीम को बेकसूर.

ग्रामीणों ने कहा कि नदीम बहुत अच्छा लड़का है, उसे फंसाया गया है. वहीं नदीम के पड़ोसियों ने बताया कि पीएफआई कुछ नहीं है, सब फालतू की बाते हैं. रात में पुलिस वाले अचानक आए और नदीम को लेकर चले गए, सीढ़ी लेकर आए और कूद गए घर में, उसे पकड़ने के लिए 10 गाडियां आई थीं.

गौरहार गांव के ग्रामीणों का कहना है कि नदीम को पीएफआई से अलग करा दिया गया था, वह पहले जुड़ा हुआ था. पीएफआई देश विरोधी है या नहीं, यह जांच का विषय है.

वहीं घर वालों ने यूपी तक को सीढ़ी दिखाई, जिससे एनआईए की टीम अंदर दाखिल हुई थी. नदीम की मां आबिदा खातून ने बताया कि उनका बेटा बेकसूर है.

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