नेहरू के बाद अब PM मोदी के हाथ में दिखेगा सेंगोल! जानें इसकी ऐतिहासिक कहानी
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फोटो: यूपी तक
सोशल मीडिया पर अचानक से सेंगोल शब्द की चर्चा जमकर की जा रही है.
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दरअसल भारत के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्धाटन करने जा रहे हैं.
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इस मौके पर भारत की एक प्राचीन परंपरा को फिर से जिंदा किया जाएगा.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नए संसद भवन में सेंगोल यानी राजदंड भी स्थापित किया जाएगा.
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बता दें कि तमिलनाडु के विद्धान 14 अगस्त 1947 की तरह एक बार फिर से यह सेंगोल भारत के प्रधानमंत्री को देंगे.
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वहीं फिर ये हमेशा के लिए नए संसद भवन में स्थापित कर दिया जाएगा.
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गृह मंत्री शाह के मुताबिक, इसे स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा.
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गौरतलब है कि 14 अगस्त 1947 को पंडित नेहरू ने सेंगोल तमिलनाडु के विद्धानों से लिया था.
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अब सवाल उठता है कि आखिर भारत की आजादी से जुड़ा इतना महत्वपूर्ण प्रतीक गुमनाम कैसे हो गया?
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गृह मंत्री अमित शाह की मानें तो 1947 के बाद इसे भुला दिया गया और इसका जिक्र भी काफी कम किया गया.
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बता दें कि पंडित नेहरू का संबंध प्रयागराज से रहा था. इस सेंगोल को प्रयागराज के संग्रहालय में रखा गया था, वहां से इसे वापस लाया जा रहा है.
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नए संसद भवन के बीच ‘सेंगोल’ की चर्चा, जानिए इसकी कहानी और नेहरू-प्रयागराज से इसका कनेक्शन
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