तेज धूप, लू और डिहाइड्रेशन से भरे गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक और अंदरूनी मजबूती देने वाले पेय बेहद जरूरी हो जाते हैं. ऐसे में छाछ (बटरमिल्क) एक परंपरागत देसी ड्रिंक है, जो न केवल प्यास बुझाता है, बल्कि पेट को भी राहत देता है.
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जब इसमें काला नमक मिलाया जाता है, तो इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं. यह संयोजन शरीर को तरोताजा रखने के साथ-साथ पाचन और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को भी सुधारता है. आइए जानते हैं कि गर्मियों में छाछ में काला नमक डालकर क्यों पीना चाहिए.
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पाचन शक्ति बढ़ाता है: छाछ में प्रोबायोटिक्स और काला नमक में अल्कलाइन मिनरल्स होते हैं, जो पेट की गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं.
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डिहाइड्रेशन से बचाता है: गर्मियों में पसीने के साथ नमक और मिनरल्स शरीर से बाहर निकल जाते हैं. काला नमक और छाछ मिलकर शरीर को इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करते हैं.
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शरीर को ठंडक देता है: छाछ की ठंडी तासीर और काला नमक का संतुलन शरीर का तापमान कम करने में मदद करता है. लू (हीट स्ट्रोक) से बचाव में सहायक है.
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वजन नियंत्रण में सहायक: यह कम कैलोरी वाला पेय है जो पेट को भरा रखता है और ओवरईटिंग से बचाता है. पाचन बेहतर होने से मेटाबोलिज्म भी सुधरता है.
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एसिडिटी में राहत: काला नमक छाछ की अम्लता को संतुलित करता है, जिससे पेट में जलन या एसिडिटी की समस्या नहीं होती.
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ध्यान रखें: बहुत अधिक काला नमक न डालें, स्वादानुसार ही प्रयोग करें. दिन में 1–2 बार छाछ पीना पर्याप्त है.
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