सुडौल शरीर यानी कर्वी बॉडी को लेकर समाज में कई धारणाएं जुड़ी हैं. लेकिन इसे लेकर साइकोलॉजी क्या कहती है? रिसर्च बताती हैं कि यह महिलाओं के आत्मविश्वास, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक संबंधों को प्रभावित करता है.
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कई स्टडीज जैसे कि Dove Global Beauty Confidence Report बताती हैं कि सुडौल महिलाएं अपने शरीर को लेकर अधिक आत्मविश्वासी होती हैं. खासकर अगर वे बॉडी पॉजिटिविटी को अपनाती हैं.
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Psychology Today के अनुसार, पुरुष अक्सर सुडौल महिलाओं को अधिक आकर्षक मानते हैं. क्योंकि यह अच्छे स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता से जुड़ा होता है. यह धारणा बायोलॉजिकल फैक्टर्स से प्रेरित हैं.
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अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) की रिपोर्ट के मुताबिक, जो महिलाएँ अपनी काया को सहजता से स्वीकार करती हैं वे मानसिक रूप से अधिक खुश और आत्म-सम्मान से भरपूर होती हैं.
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सुडौल शरीर का मतलब अनफिट होना नहीं है. स्टडीज दिखाती हैं कि एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने वाली सुडौल महिलाएं फिटनेस के प्रति अधिक जागरूक होती हैं और हेल्दी माइंडसेट रखती हैं.
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रिसर्च बताती है कि जिन महिलाओं का आत्म-सम्मान ऊंचा होता है. वे अपने कार्यक्षेत्र में अधिक सफल होती हैं.
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कर्वी महिलाओं का इमोशनल इंटेलिजेंस अक्सर ज्यादा विकसित होता है क्योंकि वे बचपन से ही सेल्फ एक्सेप्टेंस और सेल्फ लव को समझती हैं. वे रिलेशनशिप में गहरी समझ और केयरिंग नेचर रखती हैं.
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