10 April 2024
अक्सर कुछ लोग होते हैं जो सारी सुख-सुविधाएं होने के बावजूद भी दुखी रहते हैं.
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इसके पीछे आचार्य चाणक्य ने कुछ तर्क दिए हैं, जिसे जानने की कोशिश करते हैं.
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चाणक्य के मुताबिक, ऐसे शख्स जो हमेशा खुद को दूसरों से तुलना करते रहते हैं वे कभी खुश नहीं रह पाते.
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जो लोग दूसरों की सफलता और खुशी को देखकर ईर्ष्या करते हैं और खुद को कमतर समझते हैं.
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कुछ लोग भूतकाल में हुई गलतियों और घटनाओं को नहीं भूल पाते हैं. वे हमेशा अपने भूतकाल के बारे में सोचते रहते हैं और खुद को दोष देते हैं.
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दूसरे के धन के प्रति द्वेष भाव रखने वाले लोग अपने जीवन में कभी तरक्की नहीं कर पाते हैं.
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