वाराणसी: खुद को जीवित बताने के लिए लड़ रहे थे चुनाव, पर्चा कटा, हिरासत में भी लिए गए
वाराणसी में अपने जिंदा होने के प्रमाण के लिए साल 2012 से चुनाव लड़ने वाले संतोष मूरत सिंह का इस बार के इलेक्शन में पर्चा…
ADVERTISEMENT
वाराणसी में अपने जिंदा होने के प्रमाण के लिए साल 2012 से चुनाव लड़ने वाले संतोष मूरत सिंह का इस बार के इलेक्शन में पर्चा खारिज हो गया है.
जिसके बाद वाराणसी जिला मुख्यालय से निकलते हुए संतोष एडीएम सिटी के पैरों पर गिरकर न्याय की गुहार मांगने लगे और धरना देना शुरू कर दिया.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
अंत में पुलिस ने संतोष मूरत सिंह को शांति भंग के मामले में हिरासत में ले लिया.
संतोष ने चुनाव प्रक्रिया पर काफी गंभीर आरोप भी लगाए और बताया कि साजिश के तहत उसका पर्चा खारिज किया गया है.
ADVERTISEMENT
वाराणसी के शिवपुर विधानसभा से संतोष ने पर्चा दाखिल किया था. संतोष ने वहां के बीजेपी विधायक अनिल राजभर पर पर्चा खारिज कराने का आरोप लगाया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं ना कहीं सत्ता मैं बैठे लोगों को डर था कि संतोष अपनी लोकप्रियता के कारण जीत न जाए, इसलिए ऐसा कदम उठाया गया है.
ADVERTISEMENT
संतोष का नामांकन रद्द होने के पीछे वजह शपथ पत्र की त्रुटि बताई गई.
मगर संतोष इस बात से इत्तफाक नहीं रखते हुए हाई कोर्ट जाकर चुनाव आयोग की शिकायत करने की बात कही है.
मैं जिंदा हूं! खुद को जीवित बताने के लिए सालों से चुनाव लड़ रहे काशी के संतोष, जानें कहानी
ADVERTISEMENT