क्या उत्तर प्रदेश में टलेंगे विधानसभा चुनाव? जानिए चुनाव आयोग का क्या कहना है
आगामी विधानसभा चुनाव टालने को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से चुनाव आयोग से किए गए अनुरोध के बाद अब इस मामले पर मुख्य…
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आगामी विधानसभा चुनाव टालने को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से चुनाव आयोग से किए गए अनुरोध के बाद अब इस मामले पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा है, ”अगले हफ्ते हम यूपी जाएंगे और वहां स्थिति की समीक्षा करेंगे, उसके बाद उचित फैसला लेंगे.”
अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, 28 दिसंबर की शाम चुनाव आयोग की टीम लखनऊ पहुंचेगी. 29 दिसंबर को चुनाव आयोग दो शिफ्ट में डीएम, एसपी, कमिश्नर, आईजी, डीआईजी के साथ बैठक करेगा. राजनीतिक दलों के साथ भी बैठक होगी. इसके बाद 30 दिसंबर को चुनाव आयोग की मीडिया ब्रीफिंग होगी.
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को कोविड-19 की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने और आगामी चुनावों को टालने पर विचार करने का अनुरोध किया था.
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने एक मामले में याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा, ”कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रॉन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और तीसरी लहर आने की आशंका है.”
उन्होंने कहा कि इस भयावह महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, जर्मनी जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है.
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अदालत ने कहा, ”दूसरी लहर में हमने देखा कि लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई. ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के कारण बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और उनकी मृत्यु हुई.”
अदालत ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव निकट है जिसके लिए सभी पार्टियां रैलियां, सभाएं आदि करके लाखों लोगों की भीड़ जुटा रही हैं, जहां कोविड प्रोटाकॉल का पालन किसी रूप में संभव नहीं है. जस्टिस यादव ने कहा कि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे.
अदालत ने चुनाव आयोग से इस प्रकार की रैलियों, सभाओं पर तत्काल रोक लगाने और राजनीतिक दलों को चैनल और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने का आदेश देने का अनुरोध किया.
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अदालत ने कहा, अगर संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनावों को एक-दो महीने के लिए टाल दिया जाए क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी और जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त है.
अदालत ने कोविड टीकाकरण अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उनसे अनुरोध किया कि भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाएं और रैलियां, सभाएं रोकने और आगामी चुनावों को टालने पर विचार करें क्योंकि ‘‘जान है तो जहान है.’’ अदालत ने संजय यादव नाम के एक व्यक्ति की जमानत याचिका मंजूर करते हुए ये टिप्पणियां कीं.
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