UP बोर्ड पेपर लीक: CCTV निगरानी और पुलिस सुरक्षा के बीच लीक हुआ पर्चा, क्या थे इंतेजाम?
यूपी बोर्ड में इंटर का अंग्रेजी का पेपर लीक हुआ, तो पूरी परीक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार…
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यूपी बोर्ड में इंटर का अंग्रेजी का पेपर लीक हुआ, तो पूरी परीक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक से बचने के लिए तमाम इंतजाम भी किए, लेकिन उसके बावजूद अंग्रेजी का पेपर लीक हुआ. पेपर कैसे लीक हुआ इसकी जांच यूपी एसटीएफ को दी गई है, लेकिन शासन की तरफ से बोर्ड परीक्षाओं को कराने के लिए क्या इंतजाम किए गए थे, क्या होती है पेपर छपने से लेकर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने की पूरी प्रक्रिया, आइए इसे समझते हैं.
बोर्ड परीक्षा में पेपर कहां छपेगा, कब छपेगा, यह सब बेहद गोपनीय रखा जाता है और इसकी जानकारी सिर्फ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को रहती है. जब पेपर छप जाता है तो प्रिंटिंग प्रेस से इसे गोपनीय ढंग से सीधे जिले के जीआईसी यानी गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम स्थानीय भाषा में कहें तो कोठार पहुंचाया जाता है.
इस बार शासन ने पेपर की पैकिंग टेम्पर प्रूफ रखी है, जिसे केवल काटकर या फाड़कर ही पेपर निकाला जा सकता है. इसके अलावा परीक्षा केंद्र तक पेपर पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया को पुलिस सुरक्षा में अंजाम दिया जाता है. यही नहीं जिस गाड़ी में ये पर्चे भेजे जाते हैं, उसे भी पहले से नहीं पता होता है कि पर्चे लेकर कहा जाना होता है. इसके बाद पेपर संबंधित जिले के एक रूम में रखे जाते हैं, जिस पर पुलिस का लगातार पहरा रहता है. इसे डबल लॉक में रखा जाता है. इस स्ट्रॉन्ग रूम में डबल लॉक रहता है, जिसकी एक चाबी मुख्य नियंत्रक और उपनियंत्रक के पास रहती है. इस जिले स्तर के स्ट्रॉन्ग रूम पर मुख्यालय स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम से नजर रखी जाती है.
बता दें कि केंद्र पर पेपर का जो पैकेट रखा जाता है, उस कमरे पर भी दो ताले लगे होते हैं. उसे खोलने के लिए तीन लोगों की मौजूदगी जरूरी होती है. पहला केंद्र व्यवस्थापक, दूसरा अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक और तीसरा स्टैटिक मजिस्ट्रेट. सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे से लगातार मॉनिटरिंग होती है. अब जो अंग्रेजी के दो सेट लीक हुए हैं, उसमें अब तक की जांच में पर्चे बलिया से लीक होने की बात सामने नहीं आई है.
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फिलहाल बलिया प्रशासन के अलावा बाकी के 23 जिलों के डीएम और एसपी से भी मुख्य सचिव ने अंग्रेजी के पेपर के पैकेट के टेंपरिंग पर रिपोर्ट मांगी है. आशंका है कि कहीं किसी अन्य जनपद में यह पेपर लीक तो नहीं हुआ और बलिया से वायरल करवाया गया हो.
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