उमेश पाल केस: अतीक के भाई ने जेल की बैरक से रची साजिश, तय किए शूटर्स? बड़े खुलासे का दावा
Umesh Pal Murder Case: प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल हत्याकांड को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है. पता चला है कि बरेली जेल में…
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Umesh Pal Murder Case: प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल हत्याकांड को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है. पता चला है कि बरेली जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ से मुलाकात के तीसरे दिन ही शूटरों ने उमेश पाल की हत्या का प्रयास किया था, लेकिन उनकी यह कोशिश फेल हो गई थी. आपको बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में साजिश के तार साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद से होकर बरेली जेल में बंद अशरफ तक फैले हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि अतीक के इशारे पर शूटरों को फाइनल करने का जिम्मा अशरफ को मिला था और जैसे ही अशरफ ने शूटरों से मुलाकात की उसके तीसरे ही दिन उमेश पाल की जान लेने की कोशिश की गई थी. फिलहाल जेल प्रशासन ने बरेली जेल के तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि अशरफ से मुलाकात करने के लिए मोहम्मद गुलाम और उसका करीबी बरेली जेल गए थे.
अशरफ ने फाइनल किए थे शूटरों के नाम?
बताया जा रहा है उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटरों का नाम अशरफ ने ही फाइनल किया था. अशरफ से शूटरों की फाइनल मीटिंग 11 फरवरी को बरेली जेल में हुई थी. बरेली जेल में अशरफ की मुलाकात में मददगार बंदी रक्षक शिव हरी अवस्थी और कैंटीन सप्लायर दयाराम को इसी सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. स्थानीय चौकी इंचार्ज की तरफ से अशरफ और उसके साले सद्दाम और करीबी लल्ला गद्दी पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है. पुलिस सूत्र के अनुसार अशरफ की यह मीटिंग 11 फरवरी को हुई थी और यह मीटिंग मोहम्मद गुलाम और असद के साथ अशरफ के बीच हुई थी.
कितनी बार हुई उमेश की हत्या करने की कोशिश?
11 फरवरी को अशरफ से मीटिंग के तीसरे दिन ही यानी 14 फरवरी को ही शूटरों ने उमेश पाल की जान लेने की कोशिश की थी, लेकिन मौका नहीं मिला. दूसरी कोशिश 18 फरवरी को की गई, लेकिन उस दिन शिवरात्रि होने के चलते उमेश पाल के घर के बाहर वाली गली में ज्यादा भीड़ थी, इसलिए शूटर हिम्मत नहीं जुटा पाए. तीसरी कोशिश 21 फरवरी को हुई, शूटर उमेश पाल का पीछा करते भी आए लेकिन अटैक नहीं हो पाया. फिर आखिर में 24 फरवरी की शाम उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया गया. बरेली जेल में अशरफ से मुलाकात में जेल कर्मचारियों की मिलीभगत का मामला सामने आने के बाद अब जेल मुख्यालय ने बरेली जेल में मुलाकात के सीसीटीवी व अन्य दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं कि आखिर यह मुलाकात किसने, कब और किसकी आईडी पर करवाई थी?
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