योगी सरकार में पहले भी लीक हो चुके हैं पेपर, जानिए किन परीक्षाओं में ऐसा हुआ था

सत्यम मिश्रा

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पेपर लीक होने की वजह से उत्तर प्रदेश में रविवार, 28 नवंबर को होने वाली 2021 की यूपी अध्यापक पात्रता परीक्षा (UPTET) स्थगित कर दी गई है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर हमलावर है. योगी सरकार के दौरान सामने आया यह इस तरह का पहला मामला नहीं है. यूपी में पिछले करीब साढ़े 4 सालों से पेपर लीक होने के कई मामले सामने आए हैं.

मार्च 2017 में योगी सरकार सत्ता में आई थी. इससे ठीक 4 महीने बाद पहला पेपर लीक हुआ, जो दरोगा भर्ती से संबंधित था. उत्तर प्रदेश पुलिस प्रोन्नति और भर्ती बोर्ड की ओर से 25 और 26 जुलाई को ऑनलाइन माध्यम से सब इंस्पेक्टर की परीक्षा का आयोजन किया था, लेकिन परीक्षा को रद्द करना पड़ा था क्योंकि दरोगा भर्ती का पेपर वॉट्सऐप पर लीक हो गया था.

दारोगा पद के लिए हो रही ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रदेश के 22 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. 25 और 26 जुलाई को तकरीबन 1 लाख 20 हजार आवेदकों को परीक्षा देनी थी, लेकिन यह निरस्त कर दी गई थी. परीक्षा निरस्त होने के बाद आगरा के ओम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट से 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

दरोगा भर्ती परीक्षा के बाद 2 फरवरी 2018 में यूपीपीसीएल पेपर लीक का मामला सामने आया था, जिसमें जौनपुर के रहने वाले परमिंदर सिंह नाम के शख्स को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था. जूनियर इंजीनियर (जेई) परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था, इतना ही नहीं लापरवाही के आरोप में तत्कालीन प्रमुख सचिव ऊर्जा रहे आलोक कुमार ने विद्युत सेवा आयोग के सचिव और अध्यक्ष को उनके पद से निलंबित कर दिया था.

अप्रैल 2018 में यूपी आरक्षी नागरिक पुलिस और आरक्षी पीएसी पद की परीक्षा मामले में एसटीएफ ने सॉल्वर गैंग के तीन सदस्यों को दबोचा था. अप्रैल महीने के बाद जुलाई 2018 में अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. दरअसल 15 जुलाई 2018 को अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने लोअर सबऑर्डिनेट के 641 पदों के लिए एग्जाम करवाया था, लेकिन इस परीक्षा में पहली पाली में ही पेपर लीक हो गया था. स्पेशल टास्क फोर्स ने पेपर लीक होने की पुष्टि की तो तत्काल प्रभाव से इसे भी रद्द कर दिया गया था. 14 विभागों में लोअर सबऑर्डिनेट के पदों के लिए करीब 67 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था.

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इसके बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत ही नलकूप ऑपरेटरों की भर्ती आई, लेकिन 2 सितंबर 2018 को पेपर आउट हो गया. इस मामले में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मेरठ से 11 लोगों को गिरफ्तार किया था.

अगस्त 2021 में प्रीलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट हुआ था. इस परीक्षा के भी पेपर बाहर आ गए थे. 75 जिलों में लगभग 70 हजार सीसीटीवी कैमरे से इस परीक्षा की निगरानी की जा रही थी लेकिन जब पेपर आउट हुआ तो परीक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों के होश उड़ गए.

अगस्त 2021 में B.Ed परीक्षा का पेपर लीक होने की बात कही गई. दरअसल 6 अगस्त 2021 को बीएड की परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा की पहली शिफ्ट में पेपर लीक होने की बात कही गई. हालांकि सरकार ने जांच कराई तो बताया गया कि यह पेपर लीक का मामला फर्जी निकला.

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मेडिकल की पढ़ाई के लिए होने वाला एंट्रेंस एग्जाम नेशनल एलिजिबिलिटी कम एन्ट्रेंस टेस्ट यानी NEET की परीक्षा से 1 दिन पहले भी पेपर लीक के दावे किए जा रहे थे. पेपर 12 सितंबर को होना था. 11 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह दावा किया जा रहा था कि NEET का पेपर लीक हो गया है. हालांकि,अधिकारियों ने पेपर लीक का खंडन करते हुए इसे फर्जी खबर का करार दिया था.

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