चंदौली में बन रहा है नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा अल्ट्रा मॉडर्न फिश मार्केट, रोजगार के मिलेंगे नए अवसर
सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही हैं. जिसके तहत आधारभूत सुविधाओं में आधुनिक बदलाव भी किए जा…
ADVERTISEMENT
सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रही हैं. जिसके तहत आधारभूत सुविधाओं में आधुनिक बदलाव भी किए जा रहे हैं. इसी क्रम में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए पूर्व उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक अत्याधुनिक मछली केंद्र का निर्माण किया जा रहा है.
चंदौली स्थित मंडी समिति के परिसर में बन रहा यह तीन मंजिला मछली केंद्र पूरी तरह से वातानुकूलित होगा, जिसमें एक ही छत के नीचे मछली पालकों और मछली के व्यवसायियों को मछली पालन और मछली के व्यापार से संबंधित सभी सुविधाएं मुहैया होंगी.
मत्स्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नॉर्थ इंडिया के सबसे बड़े इस अल्ट्रा मॉडर्न मछली केंद्र के निर्माण से मछली के कारोबार में एक तरफ जहां लोगों को रोजगार मिलेगा. वहीं, मछली पालकों की आय भी बढ़ेगी. इस अत्याधुनिक मछली मंडी का निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल जुलाई तक यह अल्ट्रा मॉडर्न मछली मंडी बनकर तैयार हो जाएगी.
दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाईवे-19 पर चंदौली में स्थित नवीन मंडी स्थल परिसर में 1 हेक्टेयर में तकरीबन 62 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर की अल्ट्रा मॉडल मत्स्य मंडी बन रही है. इस मंडी के शुरू हो जाने से पूर्वांचल के मछली पालकों की आय दोगुनी से भी ज्यादा होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस तीन मंजिला इमारत में होलसेल, रिटेल और मछली पालन से संबंधित सभी उपकरण, दवाएं, चारा आदि सब कुछ एक छत के नीचे उपलब्ध होगा.
यही नहीं, इस इमारत में एक एक्सक्लूसिव फिश रेस्टोरेंट भी होगा, जिसमें खानपान के अन्य सामानों के साथ-साथ मछली से बने व्यंजन भी उपलब्ध होंगे.आने वाले दिनों में यहां पर एक प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी,ताकि मछलियों को सुरक्षित स्टोर किया जा सकें.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
साथ ही साथ मछली पालकों और मछली व्यापारियों के प्रशिक्षण के लिए एक कॉन्फ्रेंस हाल भी होगा. जहां समय-समय पर मछली पालन से संबंधित जानकारियां दी जाएंगी और मत्स्य पालकों को नई तकनीक की जानकारी दी जाएगी. इस अल्ट्रा मॉडर्न बिल्डिंग में मछली से संबंधित अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
चंदौली के डीएम निखिल टी. फुंडे ने बताया कि यहां पर मछली का अच्छा खासा उत्पादन होता है और इस पूरे क्षेत्र में ऐसा कोई भी सेंटर नहीं है. सूखी मछली एक पेरिशेबल गुड्स में आता है और जल्दी नष्ट हो जाता है. इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यहां पर एक फिश मार्केट इस्टैबलिश्ड किया जाए. इसके अंदर कोल्ड स्टोरेज की फैसिलिटी रहेगी. इसके साथ ही उसकी मार्केटिंग और उपज करने वालों के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी रहेगा, तो कुल मिलाकर यह एक इंटीग्रेटेड मॉडल है, जिससे कि क्षेत्र में जो मछली पालन करते हैं उनको एक बड़ी सौगात मिलेगी.
मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक राम अवध ने बताया कि प्रधानमंत्री जी की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है और उत्तर भारत की यह पहली ऐसी मंडी है जो अल्ट्रा मॉडर्न मंडी है. यह मंडी पूरी तरह से वातानुकूलित होगी.
मछली एक पेरिशेबल आइटम होता है और तालाब से निकलने के बाद बहुत जल्दी ही खराब होने लगता है, तो ऐसी स्थिति से बचने के लिए यहां पर एक कोल्ड स्टोरेज भी रहेगा. जहां पर किसान मछली लाएगा और अगर उसको उस दिन में मछली का अच्छा रेट नहीं मिलेगा तो कोल्ड स्टोरेज में उसको स्टोर करने की व्यवस्था दी जाएगी. अगले दिन वह उसको अच्छे रेट पर बेच सकता है. इस फिश मंडी के बनने से यहां मछली के आयात और निर्यात की संभावना बढ़ेगी और लोगों के आय में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी. यहां पर विभिन्न प्रकार की मछलियां यहां तक कि समुद्री मछलियां भी उपलब्ध हो पाएंगी.
ADVERTISEMENT
दरअसल, पूर्वांचल में मछली का कारोबार तकरीबन 200 करोड़ रुपये सालना का है. चंदौली में इस अल्ट्रा मॉडर्न फिश मंडी के बन जाने के बाद इस कारोबार के और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार आने वाले दिनों में यहां से बड़े पैमाने पर मछली के निर्यात करने की भी योजना है.
विदेशों में सबसे ज्यादा मांग वाली टेलीपिया किस्म की मछली का पैदावार करके यहां से एक्सपोर्ट किया जाएगा. इस बिल्डिंग में ऊर्जा के लिए 400 किलो वाट का सोलर पावर भी लगाया जाएगा. मछलियों की दुर्गंध न फैले, इसके लिए भी विशेष प्रबंध किया जाएगा.
सॉलिड ओर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट का विशेष ख्याल रखा जाएगा. यही नहीं व्यापारियों और ट्रक ड्राइवरों के लिए गेस्ट हाउस भी बनाया जाएगा. इस बिल्डिंग में 100 दुकानें भी होंगी, जो मछली पालकों और मछली से जुड़े व्यवसायियों को दी जाएंगी. इस अल्ट्रा मॉडर्न मछली मंडी को लेकर स्थानीय मछली पालकों में भी जबरदस्त उत्साह है. मछली पालकों को यह उम्मीद जगी है कि इस अल्ट्रा मॉडर्न मछली मंडी के शुरू हो जाने से उनके व्यवसाय में भी उछाल आएगा.
ADVERTISEMENT
स्थानीय मत्स्य पालक किसान अविनाश कुमार ने बताया कि हम लोगों को इससे बहुत लाभ होगा, क्योंकि इससे पहले हम लोगों को बहुत परेशानी होती थी. मछली बेचने में भी दिक्कत आती थी. अब नजदीक में मछली मंडी मिल जाने से हम लोगों को ज्यादा फायदा होगा.
स्थानीय मत्स्य पालक किसान मदन जीत कुमार सिंह ने बताया कि यह चंदौली के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे पूरे अगल-बगल के जिलों के लिए बहुत बड़ी बात है, क्योंकि कनेक्टिविटी की वजह से हम लोग जो अपना मार्केटिंग कर रहे थे वहां खुद नहीं कर पा रहे थे. किसी न किसी पर आधारित रहते थे. इस मछली मंडी के बन जाने से किसान अपना माल लेकर यहां आएगा और जो भी रेट रहेगा उस रेट से वह बेचेगा और मुनाफा कमाएका.
एक अन्य मत्स्य पालन करने वाले किसान नंदू कुमार ने बताया कि आने वाले दिनों में हम लोगों को बहुत फायदा होगा, क्योंकि हम लोग मछली का व्यवसाय कर रहे हैं, तो सही रेट नहीं मिल पा रहा है और हमारे जिले में नजदीक में मछली मंडी हो जाएगी, तो हम लोगों को अच्छा रेट भी मिलेगा और देखने में दिक्कत भी नहीं होगी. इसको देखते हुए इलाके के युवा और भी लोग जुड़ेंगे और व्यवसाय करेंगे और मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ उठाएंगे.
गौरतलब है कि कनेक्टिविटी के हिसाब से भी चंदौली एक अच्छी जगह है. एक तरफ जहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन जैसा बड़ा रेलवे स्टेशन है तो वहीं दूसरी तरफ 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर एयरपोर्ट भी मौजूद है. जहां से मछलियों को बाहर के राज्यों में भेजना आसान होगा. फिलहाल इस अल्ट्रा मॉडर्न मछली मंडी का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल जुलाई महीने तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और यह मछली मंडी पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगी.
ADVERTISEMENT