लखीमपुर खीरी केस | SC ने पूछा- ‘सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह कैसे?’ जानिए सुनवाई की बड़ी बातें
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 26 अक्टूबर को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ…
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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 26 अक्टूबर को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि 30 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए हैं, इनमें से 23 चश्मदीद गवाह बताए गए हैं.
चीफ जस्टिस एनवी रमण ने पूछा कि क्या गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए हैं. इस पर यूपी सरकार ने कहा कि कुछ गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज कराए गए हैं, कुछ के बयान दर्ज होने बाकी हैं.
सीजेआई रमण ने कहा कि मामला यह है कि वहां पर बड़े पैमाने पर किसानों की रैली चल रही थी, क्या सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह ही मिले? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सब क्षेत्रीय लोग ही इस मामले में रहे होंगे तो ऐसे में चिह्नित करने में खासी मुश्किल नहीं होनी चाहिए.
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साल्वे ने कहा कि (घटना के वक्त) जो बाहर थे, उनके अलावा कार के भीतर थे, उनकी पहचान की जा रही है. सीजेआई ने कहा कि हरेक पहलू और संभावना को तलाशिए और जांच आगे बढ़ाइए, जब आपके पास 23 चश्मदीद हैं तो आगे कदम बढ़ाइए.
साल्वे ने कहा कि मैं इस मामले से संबंधित साक्ष्य सील कवर में दाखिल करना चाहूंगा. इस पर सीजेआई ने कहा कि देख लीजिए बाद में कोई सवाल नहीं उठे, यह बहुत ही गंभीर मामला है.
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जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि चार हजार लोगों में से कुछ लोगों ने चीजों को गंभीरता से देखा होगा और वो गवाही देने में सक्षम हो सकते हैं.
इस पर साल्वे ने कहा कि गवाह और भी होंगे, जो आरोपियों की पहचान कर सकते हैं. सीजेआई ने पूछा कि क्या 23 चश्मदीद गवाहों में से कोई घायल हुआ है? इस पर साल्वे ने कहा, ”नहीं, दुर्भाग्य से जिन लोगों को चोटें आईं, उनकी बाद में मौत हो गई.”
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सीजेआई ने कहा कि इस मामले में और ज्यादा जानकारी जुटाएं, फिर हम लैब को मामले में तेजी लाने के लिए कह सकते हैं. साल्वे ने कहा कि हम अदालत को अगली बार ब्योरा देंगे.
सीजेआई ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा भी एक मुद्दा है. साल्वे ने कहा कि उनको सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है.
हिंसा के दौरान भीड़ के हाथों मारे गए श्याम सुंदर की पत्नी रूबी देवी के वकील ने कहा कि 3 आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं हुए, वह उन्हें धमकी दे रहे हैं. पत्रकार रमन कश्यप के परिवार ने भी जांच पर असंतोष जताया.
श्याम सुंदर की पत्नी की ओर से पेश वकील अरुण भारद्वाज ने कोर्ट से कहा कि मेरी मुवक्किल की शिकायत पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि वह तीन आरोपियों को पहचानती है.
सीजेआई ने साल्वे से मामले को देखने को कहा. साल्वे ने कहा कि श्याम सुंदर इस मामले में आरोपी भी हैं और पीड़ित भी हैं.
सीजेआई ने आदेश दिया कि पीड़िता रूबी देवी की शिकायत पर कार्रवाई की जाए, साथ ही श्याम सुंदर और पत्रकार की मौत पर राज्य सरकार स्टेटस रिपोर्ट पेश करे.
कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए गवाहों और पीड़ितों के बयान सील कवर में पेश करने के साल्वे के आग्रह को भी स्वीकार कर लिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.
लखीमपुर खीरी हिंसा: कहां तक पहुंची पुलिस की जांच, चश्मदीदों ने क्या बताया?
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