गोरखनाथ मंदिर हमला केस: आरोपी मुर्तजा ने ATS को बताई पूरी कहानी, अभी कई राज सामने आने बाकी

संतोष शर्मा

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गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हमले करने के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने लखनऊ एटीएस मुख्यालय पहुंचकर कई अहम जानकारियां दी हैं. बता दें कि यूपी एटीएस ने अहमद मुर्तजा के कॉल डिटेल्स को सामने रखकर रविवार के घटनाक्रम के बारे में उससे पूछताछ है. इस मामले की विवेचना कर रहे यूपी एटीएस के अफसर, पूछताछ के साथ-साथ केस डायरी में भी मुर्तुजा के बयान को दर्ज कर रहे हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक, अहमद मुर्तुजा अब्बासी बुधवार को लगभग 10:00 बजे एटीएस के मुख्यालय पहुंचा. एटीएस मुख्यालय पहुंचने पर खाने-पीने के बारे में पूछा गया, तो अहमद मुर्तजा ने चाय मंगवाई और एटीएस कैंटीन से उसके लिए दाल चावल मंगवा कर दिए गए. करीब 2 घंटे बाद एटीएस के 4 अफसरों की टीम ने मुर्तजा से पूछताछ शुरू की.

खबर है कि गोरखपुर में हुई शुरुआती पूछताछ और लखनऊ में हो रही पूछताछ में अहमद मुर्तजा थोड़ा परेशान दिखा, क्योंकि गोरखपुर में हुई पूछताछ में अहमद ने कथित तौर पर अपने आप को मानसिक बीमार बताने की कोशिश की थी. वहीं, लखनऊ में हो रही पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही थी, लिहाजा उसे भी अंदाजा था की उसके बोले हर शब्द और हर हरकत को अब कानूनी रूप दिया जाएगा.

आपको बता दें कि रविवार को जब पहले दिन की पूछताछ हुई, तो वह घटना पर केंद्रित रही. मुर्तजा ने बताया कि 2 अप्रैल को जब दो लोग उसके बारे में जानकारी लेने के लिए चाचा के नर्सिंग होम पहुंचे, तब घर पर ही था. मगर जैसे ही उसे जानकारी मिली कि 2 लोग उसके बारे में जानकारी ले रहे हैं, 36 लाख रुपये के लोन की बात कर रहे हैं, तो उसे समझ नहीं आ रहा था यह कौन लोग हैं और कौन से लोन पर कोर्ट का समन लेकर आए हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, दोनों लोगों के वापस चले जाने के बाद जब नर्सिंग होम के सीसीटीवी में उनकी तस्वीरें देखी गईं, तो उनकी कद-काठी देखकर आशंका जताई गई कि पूछताछ करने वाले लोग पुलिस बल के हो सकते हैं. यह जानकार अब्बासी ‘घबरा’ गया.

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सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इसके बाद आनन-फानन में मुर्तजा ने अपने अब्बू का बैग उठाया, उसमें अपना लैपटॉप रखा और मां से कहा कि पता नहीं क्यों पुलिस मुझे तलाश रही है. मैं जा रहा हूं. मां ने भी बेटे की घबराहट को देखकर यह नहीं पूछा कि आखिर वह पुलिस से इतना डर क्यों रहा है और उसने कुछ रुपये भी अब्बासी को दिए. इसके बाद अहमद मुर्तजा अब्बासी देर रात सिद्धार्थनगर के नौगढ़ पहुंचा. रात उसने नौगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक मस्जिद में गुजारी. सुबह उसी मस्जिद में नमाज पढ़ी और फिर वहां से नेपाल चला गया.

जांच एजेंसी के हवाले से पता चला है कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पर ही मुर्तजा ने 2 बांके और चाकू खरीदे थे. रविवार दोपहर बाद वह वापस बस से गोरखपुर आया. इसके बाद मुर्तजा सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुंचा और मंदिर के गेट पर ही पीएसी के जवान अनिल पासवान और गोविंद गौड़ पर हमला बोल दिया. 

एटीएस के अफसरों ने सवाल किया की गोरखनाथ मंदिर पर हमला अचानक प्लान किया या पहले से प्लान रचा था? इस पर मुर्तजा ने कहा कि शनिवार को जो लोग आए थे उनके पुलिस से होने की आशंका के चलते वह डर गया था.

अब तक की जांच से पता चला है कि इंटरनेट के जरिए कथित तौर पर आतंक का पाठ पढ़ रहा मुर्तजा खुद को अल्लाह की राह में कुर्बान करने वाला बंदा समझने लगा था. आरोप है कि मुर्तजा को लगता था कि दुनिया इस्लाम के पीछे पड़ी है और इस्लाम की दुश्मन हो गई है. ऐसे में अगर वह कुछ दुश्मनों को भी मार देगा, तो अल्लाह का प्यारा बंदा हो जाएगा.

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आरोप है कि PAC के जवानों की एसएलआर राइफल छीनकर मुर्तजा मंदिर में आए श्रद्धालुओं को निशाना बना सकता था. उसे इस बात का भी अंदाजा था. उसे इस बात का भी अंदाजा था कि इस घटना को अंजाम देते वक्त, वह पुलिस की गोलियों का शिकार हो जाएगा, लेकिन वह इसे ‘शहादत’ मान रहा था.

खबर है कि अफसरों ने जब मुर्तजा से पूछा कि वह एसएलआर राइफल चलाना जानता है, तो उसने कहा, “घर पर रखी एयर गन से उसने खूब निशाना लगाना सीखा है. मगर राइफल को लोड-अनलोड करना इंटरनेट पर ही सीखा है.” फिलहाल अहमद मुर्तजा अब्बासी से हो रही पूछताछ में अभी कुछ और जानकारियां भी सामने आना बाकी हैं.

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