जब दिल्ली हाई कोर्ट ने UP पुलिस को फटकार लगाकर कहा- ‘ये काम दिल्ली में नहीं चलेगा’
दिल्ली हाई कोर्ट ने दो लोगों की गिरफ्तारी के एक मामले में 28 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाई. यह मामला एक…
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दिल्ली हाई कोर्ट ने दो लोगों की गिरफ्तारी के एक मामले में 28 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाई. यह मामला एक युवती से उसके परिवार की इच्छा के खिलाफ शादी करने वाले एक व्यक्ति के भाई और पिता को, कथित अपहरण के मामले में ‘दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना ही गिरफ्तार कर’ राष्ट्रीय राजधानी से बाहर ले जाने का है.
यूपी पुलिस ने युवती के परिवार की शिकायत पर अपहरण का केस दर्ज कर युवती के पति के परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार किया था.
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने यूपी पुलिस से कहा, ”ये काम ना यहां दिल्ली में नहीं चलेगा, अवैध काम कोई भी कि आप आए, दिल्ली से लोग उठा दें और कह दें- हम ने तो शामली से उठाया था और अरेस्ट दिखा दें. ये हम ना यहां नहीं चलने देंगे.”
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत को सूचित किया था कि युवती की मां की शिकायत के संबंध में लड़के के परिवार के सदस्यों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने सितंबर में गिरफ्तार किया था. उसने कहा था कि शामली, उत्तर प्रदेश से पुलिस के दिल्ली आने की कोई सूचना नहीं दी गई थी. इसके बाद कोर्ट की सख्त टिप्पणियां सामने आई हैं.
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हाई कोर्ट ने आगे कहा, ”अगर आप बिल्कुल आंख बंद करके और दिमाग बंद करके काम करते हैं, (तो) हमारे पास कोई इलाज नहीं. आप एक बार जब दिल्ली आएंगे, सूचना लोकल थाने को देंगे, उसके बाद कार्रवाई करेंगे. अपनी मर्जी से उठाकर किसी को नहीं ले जा सकते… यही कानून कहता है ना? हर स्टेप पर कानून वायलेट किया. ये चीज दिल्ली में बर्दाश्त नहीं करेंगे.”
इससे पहले जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने दंपति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि यह एक अति सामान्य कानून है कि दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले व्यक्तियों को उत्तर प्रदेश पुलिस स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना गिरफ्तार नहीं कर सकती.
कोर्ट ने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तथ्यों का पता लगाए बिना और यह पता किए बिना कि पक्षकार बालिग हैं या नाबालिग, उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तारियां कीं.
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दंपति ने अदालत से कहा था कि उन्होंने परिवार की इच्छा के विपरीत बिना किसी दबाव में जुलाई में अपनी मर्जी से शादी की और अब उन्हें धमकियां मिल रही हैं.
इस बीच, अब दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि युवती को “जांच” के लिए यूपी ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अदालत ने कहा, “वह नाबालिग नहीं है. उसे शादी करने और अपनी मर्जी से जीने का अधिकार है.”
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दिल्ली हाई कोर्ट ने शामली एसएचओ से हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि युवती के परिवार ने जब अपहरण की शिकायत दर्ज कराई तो उसके बाद उसका पता लगाने के लिए कौन से कदम उठाए गए. अब इस मामले की सुनवाई नवंबर के दूसरे हफ्ते में होगी.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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